बगदाद। मोसुल में इराकी सेना ने इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जंग छेड़ दी है। साल 2014 में चरमपंथी आतंकी सगंठन इस्लामिक स्टेट ने मोसुल को अपने कब्जे में ले लिया था। उस वक्त यहां की आबादी 20 लाख के करीब थी। इराक पिछले दो महीने से मोसुल से इस्लामिक स्टेट को खदड़ने की तैयारी में जुटा था।
प्रधानमंत्री हैदर अल अबादी ने सोमवार को कहा कि फतह का वक्त आ गया है। हमने मोसूल को आईएसआईएस के कब्जे से आजाद करने के लिए सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है।
खतरनाक गैस को हथियार बना कर सकता है हमला
अमरीकी रक्षा विभाग ने पिछले महीने चेतावनी दी थी कि इस्लमिक स्टेट मोसूल में नागरिकों और सेना पर खतरनाक गैस छोड़ सकता है। इससे बचाव और एहतियात के तौर पर सेना को 50 हजार मास्क दिए गए थे। ऐसे में कहा जा रहा है कि इस्लामिक स्टेट भी मोसुल में इराक व अमरीकी गठबंध की सेना से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
जून 2014 में इस्लामिक स्टेट ने मोसूल को अपने कब्जे में लिया था और अबु बकर अल बगदादी ने खलीफा शासन लगाने का ऐलान किया था। तब से ईरान और अमेरिका नीत गठबंधन के सहयोग से इराकी बलों ने आईएस के कब्जे से काफी हिस्से को मुक्त कराते हुए अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है। मोसुल इराक में इस चरमपंथी समूह का अंतिम बड़ा गढ़ है।