scriptरहस्यमय काली ऊर्जा की खोज में जुटे नासा के जासूस | NASA spy telescopes to decode mysterious dark energy | Patrika News

रहस्यमय काली ऊर्जा की खोज में जुटे नासा के जासूस

Published: Apr 28, 2015 08:17:00 pm

नासा अंतरिक्ष में स्थित एक रहस्यमयी काली ऊर्जा के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए दो पुराने जासूस दूरबीनों की मदद लेने की योजना बना रहा है।

NASA

NASA

वाशिंगटन। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अंतरिक्ष में स्थित एक रहस्यमयी काली ऊर्जा के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए दो पुराने जासूस दूरबीनों की मदद लेने की योजना बना रहा है। नासा को ये दूरबीन नेशनल रिकानेसांस ऑफिस (एनआरओ) की खुफिया एजेंसी से प्राप्त हुई है।

इन दूरबीनों का का काम वास्तव में अमेरिकी खुफिया एजेंसी के लिए जासूस उपग्रह की नई पीढ़ी के मद्देनजर भविष्य काल्पिनक वास्तुकला कार्यक्रम तैयार करना था। नासा को दिए गए जासूस दूरबीन का उपयोग डब्ल्यूफर्स्ट-आफ्टा (द वाइल्ड फील्ड इंफेरेड सर्वे टेलेस्कोप-एस्ट्रोफिजिक्स फोकस्ड टेलेस्कोप एसेट्स) परियोजना के लिए किया जाएगा।

2024 में लॉन्च होगी परियोजना

वेबसाइट स्पेस डॉट कॉम के मुताबिक, परियोजना को 2024 में लांच किया जाएगा। डब्ल्यूफर्स्ट-आफ्टा परियोजना का उद्देश्य उस रहस्यमयी गूढ़ ऊर्जा के बारे में अध्ययन करना है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह ब्र±मांड के विस्तार में तेजी ला रही है। इसके अलावा उन ग्रहों की खोज करना जो सूर्य के अलावा दूसरे तारों की परिक्रमा करते हैं।

हबल के समान हैं दूरबीन

ये दो दूरबीन नासा के हबल अंतरिक्ष दूरबीन के समान है। नासा के खगोल भौतिकी प्रमुख पॉल हट्र्ज ने कहा, हम इन दूरबीनों का उपयोग करेंगे, क्योंकि इनमें किसी तरह के सुधार की आवश्यकता नहीं है। लेकिन इनकी थोड़ी मरम्मत करनी होगी, क्योंकि इन्हें काफी समय से उपयोग में नहीं लाया गया है। यदि अनुमति मिल जाती है, तो एक दूसबीन का उपयोग अंतरिक्ष के पर्यवेक्षण के लिए और दूसरे का उपयोग कुछ समय तक सतह पर इंजीनियर परीक्षक के रूप में किया जाएगा। उसके बाद उसे दूसरे कामों में लगाया जा सकता है।

स्थापना के लिए जगह की तलाश

नासा के वैज्ञानिक इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या इन दूरबीनों को पृथ्वी के पास स्थापित करना चाहिए, ताकि वे शोधकर्ताओे को जल्द से जल्द सूचना और आंकड़े प्रेषित कर सकें या इन्हें सतह से दूर स्थापित किया जाए, ताकि वे पृथ्वी की गुरूत्वाकर्षण बाधा से दूर बड़े पैमाने पर खोजबीन का काम कर सकें। नासा की टीम इन दूरबीनों को या तो सतह से कुछ हजार मील की दूरी पर कक्षा पर या पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थिर गुरूत्वाकर्षण बिंदु पर स्थापित कर सकता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो