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आतंकी संगठन IS के गढ़ पर रूस ने किया रासायनिक हमला

Published: Dec 02, 2015 07:58:00 am

Submitted by:

Rakesh Mishra

बरसाया फॉस्फोरस, रासायनिक हथियारों से रक्का पर भयानक हमला, बगदादी के कई लड़ाकों समेत सैकड़ों आम नागरिकों की मौत

chemical attack

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मॉस्को। खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट पर अब तक के सबसे बड़े हमले में रूस ने रासायनिक हथियारों से सीरिया में उनके गढ़ रक्का पर भयानक हमला किया है। इस हमले को गैर कानूनी बताया जा रहा है। दरअसल, रूस ने रक्का के दो इलाकों को टारगेट कर आसमान से सफेद फॉस्फोरस रसायन द्वारा हमला किया है। इस हमले से शहर में तबाही मचने लगी है। बताया जा रहा है कि इस हमले में बगदादी के कई लड़ाकों सहित सैंकड़ों आम नागरिकों की भी मौत हो गई है।

आतंक के नक्शे से बगदादी का नामोंनिशान मिटाने के लिए रुस ने कसम खा ली है। यही वजह है कि रूस लगातार बगदादी के ठिकानों पर हमला कर रहा है। यही नहीं रूस पूरे विश्व को आईएस के खिलाफ जोडऩे की कोशिश में लगा है। हाल में सीमा विवाद के चलते तुर्की ने रूस के विमान को मार गिराया था। जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनातनी भी बढ़ गई।

कितना खतरनाक है
सफेद फॉसफोरस का इस्तेमाल गैर-कानूनी है क्योंकि ये हड्डी और चमड़ी को जला देता है। इससे होने वाला जख्म जल्द नही ठीक होते। खतरनाक रासायनिक हथियार के इस्तेमाल के चलते रूस पर जेनिवा कन्वेंशन के उल्लंघन का आरोप लगा है।

फ्रांस कर रहा आतंकवाद का समर्थन : असद
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने फ्रांस पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया। कहा कि सीरिया में चार साल से चल रहे गृहयुद्ध को खत्म करने की किसी भावी शांति संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए आयोजन स्थल के रूप में प्राग को चुना जा सकता है। चेक गणराज्य के राष्ट्रपति मिलोस जेमान ने भी सितंबर में यह सुझाव दिया था। असद ने कहा कि स्वाभाविक तौर पर यदि सीरियाई लोगों से पूछा जाए तो वे शांति सम्मेलन फ्रांस में नहीं चाहते हैं।

रूस-तुर्की में बढ़ी तकरार
लडा़कू विमान गिराए जाने के बाद रूस और तुर्की के बीच तकरार लगातार बढ़ती जा रही है। पेरिस में जलवायु सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एरदोगान से मिलने की पेशकश ठुकरा दी। पुतिन ने मंगलवार को तुर्की पर आरोप लगाया कि उसने इस्लामिक स्टेट संगठन से अंकारा के लिए किए जाने वाले तेल की आपूर्ति की हिफाजत के लिए रूसी के लड़ाकू विमान को मार गिराया। समेल्लन में में हिस्सा लेने आए 150 में से ज्यादातर देशों के नेताओं ने इसे तुर्की का कदम गैरजरूरी था।

तुर्की की चुनौती, साबित करें आरोप
तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैयप एरदोगान ने पुतिन को चुनौती दी है कि यदि रूस उन पर लगाए आरोप साबित कर सके तो वे इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि हम धैर्य दिखा रहे हैं। दोनों देश जिस तरह के कूटनीतिक समझौते तक पहुंच चुके हैं, उनका भावुक बयान देना ठीक नहीं है। साथ में कहा कि तुर्की रूस के अलावा ईरान, इराक, अल्जीरिया, कतर और नाइजीरिया से तेल आयात करता है।

पायलट का शव स्वदेश आया
मार गिराए गए रूस के युद्ध विमान एसयू-14 के पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल ओलेग पेश्कोव का शव रूसी विमान से मास्को स्थित चकलोव्स्की हवाई अड्डे लाया गया। यह बात रक्षा मंत्रालय ने एक ऑनलाइन बयान में कही। इस मौके पर रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और रूस के वायुसेना बल के कमांडर-इन-चीफ कर्नल जनरल विक्टर बोंडारेव विमान की अगुवाई के लिए पहुंचे थे। उन्हे मरणोपरांत च्च्हीरो ऑफ द रशियन फेडरेशनज्ज् पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

‘अपने साझे दुश्मन पर ध्यान दे तुर्की व रूस’
पेरिस में तुर्की के राष्ट्रपति एदारेगन से मुलाकात के बाद अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूस और तुर्की से कहा कि उन्हें अपने राजनयिक विवाद से ऊपर उठकर इस्लामिक स्टेट जैसे जिहादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने चर्चा की कि कैसे तुर्की और रूस तनाव को कम करने के लिए साथ मिलकर काम कर सकते हैं और इस मुद्दे का राजनयिक हल निकाल सकते हैं।

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