मॉस्को/अंकारा। तुर्की द्वारा रूसी लड़ाकू विमान को गिराए जाने की घटना ने अमरीका और रूस को आमने सामने कर दिया है।। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की की इस घटना को पीठ में छुरा भोंकने जैसा बताया है। इस घटना से दोनों देशों के बीच संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा। उन्होंने दावा किया रूसी विमान सीरिया के हवाई क्षेत्र में था। वहीं अमरीका ने तुर्की का पक्ष लिया है। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि तुर्की को अपनी आत्मरक्षा का अधिकार है। गौरतलब है कि मंगलवार को तुर्की के एफ-16 लड़ाकू विमानों ने रूसी विमान को मार गिराया।
तुर्की ने कहा, 10 बार चेतावनी के बाद गिराया
विमान हताय के यालिडाग शहर के आसमान में पहुंच गया था। पांच मिनट में 10 बार चेतावनी दी गई। फिर एफ-16 ने रूसी विमान एसयू-24 पर फायरिंग की। रूस ने इसका खंडन किया। कहा, विमान गोलीबारी कर गिराया जबकि तुर्की के क्षेत्र में नहीं पहुंचा था। हालांकि पिछले कई दिनों से ऐसी घटना होने की आशंका हो रही है। सीरियाई आकाश में रूस, अमरीका, फ्रांस, तुर्की और अन्य देशों के विमान उड़ रहे थे जिसके चलते कई बार गफलत हो चुकी थी।
वहीं रूस ने अपने लड़ाकू विमान को गिराए जाने के बाद सीरिया के तुर्क बाहुल्य इलाकों को निशाना बनाना शुुरु कर दिया है। अमरीका का कहना है कि रूस आईएस पर हमले के बजाय सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के विरोधियों को निशाना बना रहा है। इस मामले में तुर्की ने रूस के राजदूत को तलब भी किया है। वहीं रूसी विमान को गिराए जाने के मामले में नाटो के सदस्य देशों ने आपात बैठक बुलाई है। इसमें 28 देशों के राजदूत शामिल होंगे।
झगड़े की वजह तुर्की की सरकार सीरिया
में बशर अल-असद की सरकार के खिलाफ है। तुर्की सीरिया पर विमान गिराने का भी आरोप लगा चुका है। उसने कई बार सीरिया पर अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन का आरोप लगाया है। रूस असद का समर्थन कर रहा है।
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