सोल।
अमरीका के राजदूत मार्क लिपर्ट पर गत मार्च में जानलेवा हमला करने का दोषी ठहराते
हुए एक दक्षिण कोरियाई नागरिक को आज 12 साल की कैद की सजा सुनाई गई। 55 वर्षीय किम
की-जोंग ने दक्षिण और उत्तर कोरिया को एकीकृत किए जाने के मसले पर चर्चा करने के
दौरान अमरीकी राजदूत के चेहरे और हाथों पर फल काटने के चाकू से तेज वार किया। हमले
के कारण हुए जख्म इतने गहरे थे कि मार्क लिपर्ट के चेहरे पर 80 टांके लगाये गए और
वह पांच दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे।
हमलावर का कहना है कि उसने अमरीका
और दक्षिण कोरिया की सेना के संयुक्त सैन्य अभ्यास के विरोध में यह हमला किया था।
अभियोजन पक्ष ने गत सप्ताह अदालत से किम को 15 साल की कैद सुनाने की मांग की थी,
लेकिन अदालत ने उसे हत्या की कोशिश करने और विदेशी राजदूत पर हमला करने दो आरोपों
में दोषी ठहराते हुए आज 12 साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि उसे राष्ट्रीय सुरक्षा
अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप से बरी कर दिया गया।
दूसरी तरफ उत्तर
कोरिया की आधिकारिक मीडिया ने इस हमले को जायज ठहराते हुए कहा कि यह माकूल सजा है,
हालांकि उसने इस घटना में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। 1950-1953 के युद्ध के
खत्म होने के बाद भी दोनों पड़ोसी देश अप्रत्यक्ष रूप से युद्धरत ही हैं। दक्षिण
कोरिया और उसका सहयोगी देश अमरीका नियमित रूप से संयुक्त सैन्य अभ्यास करते हैं,
जिसे उत्तर कोरिया युद्ध की तैयारी करार देता है।
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