बिश्केक. किर्गिस्तान के बिश्केक शहर में आठ साल बाद तुर्की का एक कार्गो प्लेन के क्रैश हो गया। घरों में सो रहे लोगों को संभलने का भी मौका नहीं मिला। जेट की चपेट में आने से करीब 30 इमारतें धवस्त हो गईं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 32 मारे गए हैं। अभी मलबों के नीचे और लोगों के दबे होने की आशंका है। मरने वालों में ज्यादातर इमारतों में रह रहे लोग हैं। किर्गिस्तान के सरकारी सूत्रों के मुताबिक़ जेट हांगकांग से तुर्की जा रहा था, जो घने कोहरे की वजह से रास्ता भटक गया था।
ऐसे हुआ हादसा
शुरुआती रिपोर्ट्स की माने तो घने कोहरे के चलते लैंडिंग के दौरान हादसा हुआ। किर्गिस्तान की एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बताया कि बोइंग 747 जेट ने हांगकांग से इंस्ताबुल के लिए उड़ान भरी थी। जेट को किर्गिस्तान में ही लैंड होना था, लेकिन घना कोहरा होने की वजह से रास्ता भटक गया। लोकल टाइम के मुताबिक़ मानस एयरपोर्ट के नजदीक सोमवार सुबह 7.30 बजे हादसा हुआ। हादसे की चपेट में करीब 30 इमारतें आ गईं। प्लेन में चार क्रू मेंबर सवार थे, तीन की मौत हो गई। बाकी मौतें इमारतों में रह रहे लोगों की हुई। रिपोर्ट्स की मानें तो मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं।
घरों में सो रहे थे लोग, 14 साल पुराना है प्लेन
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ होम्स गांव में जिस वक्त हादसा हुआ, लोग अपने घरों में सो रहे थे। अचानक हादसे की वजह से लोगों को संभलने का भी मौका नहीं मिला। रिपोर्ट के मुताबिक़ जो प्लेन क्रैश हुआ है वह करीब 14 साल पुराना है। कहा जा रहा है कि एक इमारत में सो रहा पूरा परिवार मारा गया है। कई लोगों के अभी मलबे में दबे होने की आशंका है। मौके पर मलबा हटाने का काम जारी है। हादसे के बाद किर्गिस्तान के प्रेसिडेंट ने चीन दौरा कैंसल कर दिया है। उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदना जाहिर की है। उधर, किर्गिस्तान के इंटरनेशनल मानस एयरपोर्ट को इस हादसे की वजह से अगली सूचना तक के लिए बंद कर दिया गया है।
2008 में भी हुआ था हादसा, मरे थे 68 लोग
इससे पहले 2008 में भी ऐसा ही हादसा हुआ था। तब मानस एयरपोर्ट से एक प्लेन टेक ऑफ करने के कुछ ही देर बाद क्रैश हो गया था। इसमें 68 लोग मारे गए थे।
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