इस्तांबुल। तुर्की के ओर्ताकोए जिले के रियाना नाइटक्लब में नए साल के जश्न के दौरान एक हमलावर ने क्लब में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की। हमलावर सांता की ड्रेस पहनकर आए थे। फायरिंग में अबतक 39 मौतों की पुष्टि हुई है। इसमें दो भारतीय भी हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर जानकारी दी कि दो भारतीयों में एक राज्य सभा के पूर्व सांसद अख्तर हसन रिजवी के बेटे अबीस रिजवी भी हैं। आतंकी हमले में 69 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। गवर्नर वासिप साहिन ने इसे आतंकी हमला करार दिया है।
फिल्म प्रोड्यूसर हैं सांसद के बेटे
अबीस फिल्म प्रोड्यूसर हैं। उन्होंने हाल ही में ‘रोर’ नाम की फिल्म को प्रोड्यूस किया था। हमलों में मारे गए दूसरे भारतीय की पहचान गुजरात की खुशी शाह के रूप में हुई है। विदेश मंत्रालय ने दोनों के घरवालों से बात भी की। रिपोर्ट के मुताबिक़ दोनों के घरवाले इस्तांबुल रवाना हो गए हैं। सोमवार को डेड बॉडी भारत पहुंच जाएगी। सुषमा स्वराज ने अफसरों से कहकर अबीस के पिता और मां के वीजा की व्यस्था का निर्देश दिया। खुशी के भाई भी बिना वीजा इस्तांबुल को रवाना हुए। सुषमा ने बताया कि वीजा की व्यवस्था पहले ही कर ली गई है।
500 से ज्यादा लोग थे क्लब में मौजूद
हमले के वक्त 500 से ज्यादा लोग क्लब में मौजूद थे। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने पानी में कूदकर जान बचाई है। इस हमले के बाद तुर्की के बड़े शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हालांकि अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
सांता क्लोज की ड्रेस में था हमलावर
हमलावर, सांता क्लॉज की ड्रेस पहने हुए था। साहिन के मुताबिक़ हमलावर क्लब में घुसने से पहले बाहर ही एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी। बाद में उसने अंदर जा कर अंधाधुंध फायारिंग की।
मरने वालों में 16 विदेशी नागरिक
तुर्की के गृह मंत्री सुलेमान सोयलू के मुताबिक़ 21 मृतकों की पहचान हो चुकी है। इनमें 16 विदेशी और 5 तुर्की शामिल हैं। हालांकि, अभी तक हमलावर पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
राष्ट्रपति रेसेप तैयप एद्रेगन का कहना है कि इन घृणित हमलों के जरिए हमारे देश की शांति और नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। हमारे देश के मनोबल को खत्म करने और अफरा-तफरी पैदा करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
नए साल में एक घंटा बचा था तब हुआ हमला
तुर्की अधिकारियों का कहना है कि यह हमला तब शुरू हुआ, जब नया साल शुरू होने में एक घंटा बचा था। बता दें कि इससे पहले 2016 में कुर्द और इस्लामिक स्टेट के चरमपंथी इस्तांबुल और अन्य स्थानों पर भीषण आतंकी हमले करके सैंकड़ों लोगों को निशाना बना चुके हैं।
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