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आज इनमें से किसी भी काम को करने पर होगा बड़ा फायदा, ये हैं शुभ मुहूर्त

Published: Jul 03, 2017 09:38:00 am

दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि रात्रि 10.16 तक, तदुपरान्त एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि है

aaj ki kundli

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दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि रात्रि 10.16 तक, तदुपरान्त एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि है। दशमी व एकादशी दोनों ही तिथियों में शुभ व मांगलिक कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं। दशमी तिथि में विवाह, गृहारम्भ, प्रतिष्ठा, यात्रा, प्रवेश, अलंकार व राजकीय कार्य व एकादशी में उपरोक्त कार्यों सहित यज्ञोपवीत व व्रतोपवास आदि कार्य करने योग्य हैं।

नक्षत्र: स्वाति ‘चर व तिर्यंकमुख’ संज्ञक नक्षत्र रात्रि 8.35 तक, तदन्तर विशाखा ‘मिश्र व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। स्वाति नक्षत्र में देवालय, विवाहादि मांगलिक कार्य, वास्तु, अलंकार व बीजादि रोपण तथा विशाखा नक्षत्र में पदार्थ संग्रह, कारीगरी, चित्रकारी व प्रहार आदि विषयक कार्य सिद्ध होते हैं।

योग: सिद्ध नामक नैसर्गिक शुभ योग सम्पूर्ण दिवारात्रि है। विशिष्ट योग: सूर्योदय से रात्रि 2.35 तक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग, इसके बाद यमघंट नामक अशुभ योग तथा कुमार योग नामक शुभ योग है। यमघंट नामक योग विशेष कर यात्रादि में शुभ नहीं रहता। करण: तैतिल नामकरण प्रात: 9.18 तक, तदन्तर गरादि करण रहेंगे।

शुभ विक्रम संवत् : 2074
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 1939
हिजरी संवत् : 1438
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : आषाढ़। पक्ष – शुक्ल।

शुभ मुहूर्त: आज विवाह, उपनयन (सोपदा तिथि दोष), देवप्रतिष्ठा, वाहन क्रय करना, मशीनरी प्रारम्भ, प्रसूतिस्नान, मुण्डन, कर्णवेध, विद्यारम्भ, सगाई, वधू-प्रवेश, अन्नप्राशन, नामकरण व हलप्रवहण आदि सभी स्वाति नक्षत्र में शुभ मुहूर्त है।

श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: 7.23 तक अमृत, प्रात: 9.06 से पूर्वाह्न 10.47 तक शुभ तथा दोपहर बाद 2.13 से सूर्यास्त तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ मुहूर्त हैं एवं दोपहर 12.03 से दोपहर 12.58 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।

व्रतोत्सव: आज आशा दशमी व्रत, गिरिजा दशमी पूजा, गुप्त नवरात्रौत्थापन, मन्वादि तथा उल्टारथ व पुनर्यात्रा है। दिशाशूल: सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज पश्चिम दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। चन्द्रमा: चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि तुला राशि में है। राहुकाल: प्रात: 7.30 से 9.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासम्भव वर्जित रखना हितकर है।

आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (रे,रो,ता,ति,तू) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि तुला है। जन्म रजत पाद से है। जो शुभ है। सामान्यत: ये जातक धनवान, प्रतिभावान, धर्म कार्यों के ज्ञाता, शुद्ध विचार वाले, व्यापारादि में निपुण, कुशल व्यवसायी, सबके मित्र, शीतल स्वभाव, आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न, ऐश्वर्यमय जीवन, समाज, कुटुम्ब व राज में मान सम्मान पाने वाले होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 30 से 36 वर्ष की आयु के मध्य होता है। तुला राशि वाले जातकों के आज नये मित्रों से सम्पर्क होगा। विद्यार्थी वर्ग को परीक्षाओं व प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी।
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