चैत्र नवरात्र: आदि शक्ति महागौरी की पूजा आज
Published: Mar 28, 2015 01:42:00 pm
चैत्र नवरात्र के आठवें दिन आदि शक्ति मां महागौरी की पूजा की जाती है।
रायपुर. चैत्र नवरात्र के आठवें दिन आदि शक्ति मां महागौरी की पूजा की जाती है। महागौरी के सभी आभूषण और वस्त्र सफेद है। इसलिए उन्हें श्वेताम्बरघरा के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इस वजह से माता का पूरा शरीर काला पड़ गया था। तपस्या से प्रसन्न भगवान शिव ने माता को गंगा के पवित्र जल से धोकर कांतिमणि बना दिया। उत्पत्ति के समय यह आठ वर्ष की आयु की होने के कारण नवरात्र के आठवें दिन पूजन से सदा सुख और शांति देती हैं। इनकी कृपा मात्र से सारे कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
माता अपने भक्तों के लिए अन्नपूर्णा स्वरुप हैं। अष्टमी के दिन कन्याओं का पूजन और सम्मान करने से महागौरी की कृपा हमेशा बनी रहती है। यह धन वैभव और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी है। सांसारिक रूप में इनका स्वरूप बहुत ही उज्ज्वल कोमल श्वेतवर्णा और श्वेत वस्त्रधारी चतुर्भुज युक्त एक हाथ में त्रिशूल दूसरे हाथ में डमरू लिए हुए गायन संगीत की प्रिय देवी हैं, जो सफेद वृषभ यानी बैल पर सवार हैं।
आज होगा हवन व पूर्णाहुति
अष्टमी तिथि पर शुक्रवार को मां के महागौरी रूप का पूजन कर पूर्णाहुति की जाएगी। आकाशवाणी स्थित काली मंदिर में दोपहर 3 बजे से हवन शुरू होगा। मां के आठवें रूप महागौरी और नवमें रूप सिध्ददात्रि का पूजन कर नवरात्रि का समापन किया जाएगा। पंडित यदुवंशमणि त्रिपाठी ने बताया कि आकाशवाणी स्थित काली मंदिर में अष्टमी के दिन ही नवरात्रि की पूर्णाहुति दी जाएगी। जबकि कटोरा तालाब स्थित शिवनिहाल मंदिर में नवमीं पर पूर्णाहुति होगी। महामाया मंदिर में अष्टमी की रात 12 बजे के बाद हवन शुरू होगा नवमीं के भोर में पूर्णाहुति होगी। दंतेश्वरी मंदिर और बंजारी मंदिर में भी शुक्रवार को हवन कर पूर्णाहुति दी जाएगी।