शारदीय नवरात्र मंगलवार से आरम्भ होंगे। इस बार प्रतिपदा तिथि में वृद्धि होने से नवरात्र दस दिन के होंगे। नवरात्र में बढ़ोतरी से देवी के भक्तों को सुख-समृद्धि, लक्ष्मी, शांति व सौभाग्य की प्राप्ति होगी। देवी पुराण के अनुसार नवरात्र के दिन देवी का आह्वान, स्थापना व पूजन प्रात:काल किया जाना चाहिए, लेकिन चित्रा नक्षत्र व वैधृति योग को इस दिन वर्जित बताया गया हैं। यदि ये दोनों सम्पूर्ण दिन हों तो घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त में ही करना फलदायी रहता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित चंद्रमोहन दाधीच ने बताया कि इस बार नवरात्र प्रारम्भ के दिन चित्रा नक्षत्र दिनभर रहकर अगले दिन सुबह 4.38 बजे तक और वैधृति योग रात 11.17 बजे तक रहेगा। इसलिए नवरात्र स्थापना अभिजीत मुहूर्त में ही की जानी चाहिए। घट स्थापना का सर्वश्रेष्ठ अभिजीत मुहूर्त दिन में 11.51 से 12.37 बजे तक रहेगा। संयोग से इस बार नवरात्र दस दिन के होने के साथ-साथ सात दिन श्रेष्ठ योग भी रहेगा। दुर्गाष्टमी 21 अक्टूबर को तथा नवमी व दशहरा 22 अक्टूबर को मनाए जाएंगे।
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शिला माता मंदिरः आमेर स्थित शिला माता मंदिर में मंगलवार सुबह 11.55 बजे घट स्थापना की जाएगी। भक्तों के लिए दर्शन दोपहर एक बजे से खुलेंगे। नवरात्र उत्थापना 23 अक्टूबर को सुबह 10.30 बजे किए जाएंगे। भक्तगण 14 से 23 अक्टूबर तक प्रतिदिन सुबह 6 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक व शाम को 4 बजे से रात 8.30 बजे तक दर्शन कर सकेंगे।