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पन्ना

दिल्ली में मिला पन्ना से लापता बच्चा

ट्रेन से खजुराहो से दिल्ली घूमने गया

पन्नाApr 10, 2019 / 04:43 pm

suresh mishra

दिल्ली में मिला पन्ना से लापता बच्चा

दिल्ली में मिला पन्ना से लापता बच्चा

पन्ना. घूमने के लिये पन्ना से दिल्ली पहुंचे एक १२ वर्षीय बालक को दिल्ली में ही बटरफ्लाई रेलवे चाइल्ड लाईन के एक कार्यकर्ता ने देखा और उसके संबंध में पूछताछ की। बालक से पूछताछ करने के बाद उसे पन्ना के चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया। जिसे बाल कल्याण समिति ने कानूनी कार्रवाई पूरी करने के बाद उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया गया।
बाल कल्याण समिति पन्ना के सदस्य सुदीप श्रीवास्तव ने बताया, बालक आशीष चौधरी ( 12) कक्षा 7वीं का छात्र है। बालक ने पलायन करने वाले लोगों को दिल्ली जाते सुनता और देखता रहता था। अचानक बालक का मन भी दिल्ली घूमने का कर गया और वह बगैर किसी को बताए खजुराहो से यूपी संपर्क क्रॉंति ट्रेन में जा बैठा। जहा से वह दिल्ली तक पहुंच गया।दिल्ली में ही बटरफ्लाई रेलवे चाइल्ड लाईन के एक सदस्य से उसे लावारिस हालत में घूमते हुए देखा तो उसे अपने साथ लाकर बालक के बारे में पहले उससे पूछताछ की और फिर उसके बारे में छानबीन की। उन्हें पता लगा कि वह जिला पन्ना का रहने वाला है। उनके द्वारा बच्चे की एमएलसी. कराई गई तथा दिल्ली की बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। जहां के आदेशानुसार बालक को चाइल्ड लाईन के समन्वयक मोहम्मद उस्मान के द्वारा आशीष को पन्ना में बाल कल्याण समिति को सौंपा गया।

परिवार के हालात अच्छे नहीं
पन्ना बाल कल्याण समिति के द्वारा सम्पूर्ण विधिक कार्यवाही के बाद बालक आशीष को उसके संरक्षक नाना खन्जू चौधरी को सौंपा गया। बालक आशीष अपनी भूल पर पछतावा व्यक्त करता है और उसके नाना ने उसे छलकते आँसू से गले लगा लिया। उन्होंने बताया बालक जिले के ग्राम कनकी, थाना शाहनगर का निवासी हैै। उसकी माता का स्वर्गवास हो चुका था और पिता उसे उसके नाना के यहां छोड़कर अन्यत्र चले गये थे। नाना खन्जू चौधरी भी काफी वृद्ध हैं और मन से भी अब कमजोर हो चुके हैं। उनके लिए नाती उनका सहारा बन चुका है। स्वाभाविक रूप से उसे माता-पिता का प्यार ना मिल सका होगा। उसने घूमने से पहले किसी को भी बताया नहीं था कि वह दिल्ली जा रहा है। श्रीवास्तप ने बताया बालक आशीषे खुशनसीबी समझें या फिर ईश्वर की कृपा की वह किसी गैंग अथवा किसी अन्य गलत लोगों के हांथों नहीं लगा। उन्होंने बताया, बालकों के संरक्षण अधिनियम 2015 में बालकों की सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं जिसके अंतर्गत बालकों को संरक्षण प्रदान है। राष्टय स्तर पर 1098 फोन नम्बर चाइल्ड लाईन का है जिसके माध्यम से कोई भी किसी भी स्थान से संदेहात्मक बालक या बालक के साथ होने वाली दुर्घटना की जानकारी देकर बालक का कानूनी तौर पर संरक्षण करा सकता है| यह बहुत अच्छी सुविधा है।

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