परिवार के हालात अच्छे नहीं
पन्ना बाल कल्याण समिति के द्वारा सम्पूर्ण विधिक कार्यवाही के बाद बालक आशीष को उसके संरक्षक नाना खन्जू चौधरी को सौंपा गया। बालक आशीष अपनी भूल पर पछतावा व्यक्त करता है और उसके नाना ने उसे छलकते आँसू से गले लगा लिया। उन्होंने बताया बालक जिले के ग्राम कनकी, थाना शाहनगर का निवासी हैै। उसकी माता का स्वर्गवास हो चुका था और पिता उसे उसके नाना के यहां छोड़कर अन्यत्र चले गये थे। नाना खन्जू चौधरी भी काफी वृद्ध हैं और मन से भी अब कमजोर हो चुके हैं। उनके लिए नाती उनका सहारा बन चुका है। स्वाभाविक रूप से उसे माता-पिता का प्यार ना मिल सका होगा। उसने घूमने से पहले किसी को भी बताया नहीं था कि वह दिल्ली जा रहा है। श्रीवास्तप ने बताया बालक आशीषे खुशनसीबी समझें या फिर ईश्वर की कृपा की वह किसी गैंग अथवा किसी अन्य गलत लोगों के हांथों नहीं लगा। उन्होंने बताया, बालकों के संरक्षण अधिनियम 2015 में बालकों की सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं जिसके अंतर्गत बालकों को संरक्षण प्रदान है। राष्टय स्तर पर 1098 फोन नम्बर चाइल्ड लाईन का है जिसके माध्यम से कोई भी किसी भी स्थान से संदेहात्मक बालक या बालक के साथ होने वाली दुर्घटना की जानकारी देकर बालक का कानूनी तौर पर संरक्षण करा सकता है| यह बहुत अच्छी सुविधा है।