इसे फरा कहते हैं। यह चावल के आंटे से बनती है। इसे बनाने की विधि बहुत सरल है, सिर्फ चावल के आटे को गूंथ कर हाथों से 3-3.5 इंच के छोटे-छोटे टुकड़े करने है, पहले गोल करें (लोई) फिर बीच से चपटा कर मछली का आकार दे दें। अब बस भाप से पका लीजिए।
छत्तीसगढ़ के हर घर में चीला बनाया जाता है। यह चावल के आंटे के घोल से बनता है, घोल में नमक, जीरा, धनिया पत्ति, डालते हैं फिर तवे पर पकाते हैं। इसे धनिया पत्ते, मिर्ची, लहसुन और टमाटर की चटनी के साथ खाया जाता है।
इसे छत्तीसगढ़ी मिठाई कह सकते हैं क्यूंकि यह मीठा होता है। इसे स्नैक के रूप में खा सकते हैं। इसकी रेसिपी बहुत आसान है। यह गेहूं के आंटे का बनता है, इसमें चीनी या गुड़ कुछ भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन गुड़ एक हेल्दी ऑप्शन है।
ठेठरी बेसन से बनने वाली एक नमकीन छत्तीसगढ़ी व्यंजन है। ठेठरी बनाने के लिए आटा को नमक पानी और अजवाइन डालकर बहुत ही सख्त गूंथा जाता है। फिर इसे हाथों से बेलकर चकली के आकार में डिजाइन दिया जाता है, फिर धिमी आंच में तेल में सेक कर इसे ठंडा करके खाया जाता है।
खुरमी ठेठरी के साथ खाने वाली एक मीठी व्यंजन है। इसे चावल के आटे, गेहूं के आटे और गुड़ पानी से बनाया जाता है। दो भाग गेहूं में एक भाग चावल आटा मिलाकर उसमें घी का मोयन डाला जाता है। जिसके बाद गुड़ पानी के मिश्रण से आटा गूंथा जाता है।