न्यू साइंसटिस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी के मैक्स प्लैंक सोलर सिस्टम रिसर्स इंस्टीट्यूट के टिमो रीनहोल्ड और उनकी टीम ने सूर्य सहित 396 तारों की गतिविधि पर स्टडी की। उन्होंने इसके लिए केप्लर स्पेस टेलीस्कोप की मदद ली। अध्ययन के मुताबिक सूर्य के दूसरे नजदीकी तारों के मुकाबले इसका व्यवहार शांत हैं। माना जा रहा है कि सूर्य किसी बड़ी गतिविधि में जाने की तैयारी कर रहा है।
रीनहोल्ड का कहना है कि समानता के बावजूद सूर्य के आस—पास मौजूद कई तारे चार पांच गुना आगे हैं। इनका तापमान, रासायनिक संयोजन, उम्र, आकार और घूर्णन गति एक जैसी है। इसके बावजूद इनकी चमक सूरज से ज्यादा है। जब 2529 तारों के समूहों का भी इसी तरह से अध्ययन किया गया तो घूर्णन अवधि को छोड़कर उनमें समान विशेषताएं थीं। इस दौरान भी सूर्य का बर्ताव शांत दिखा। ये भविष्य में खतरे की ओर इशारा कर रही है।
सूरज के व्यवहार पर अध्ययन करने वाली टीम के मुताबिक सूर्य के आसपास की चमक जब बढ़ जाएगी और उससे तेज लपटे निकलेंगी तब ये सौर तूफान (Solar Strom) का कारण बन सकती है। इससे धरती की इलेक्ट्रिकल ग्रिड्स को नुकसान हो सकता है।
सूर्य की सतह पर अचानक उठने वाली लपटों से सौर हवाएं चलेंगी। जिन्हें सोलर विंड कहते हैं। सौर तूफान से सबसे बड़ा खतरा पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड यानी चुंबकीय तरंगों को हो सकताहै। इससे धरती के इलेक्ट्रिकल ग्रिड्स को नुकसान का अंदेशा है। साल 1859 में भी एक ऐसा ही खतरनाक सौर तूफान आया था। जिसकी वजह से पृथ्वी पर पश्चिमी देशों का टेलीग्राफ सिस्टम नाकाम हो गया था।