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सिद्धार्थनगर

हाजिरी हो बहस में हिस्सेदारी हो या हो निजी बिल पेश करना, सब में अव्वल है जगदंबिका पाल

कांग्रेस छोड़कर 2014 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए जगदंबिका पाल संसद में उपस्थित हो, बजट में हिस्सेदारी हो, सवाल पूछना हो या निजी बिल पेश करना हो वह सब में फर्स्ट क्लास पास हैं। उन्होंने 7 करोड़ के आवंटित बजट से 3 करोड़ ज्यादा खर्च किए हैं। भाजपा से 2014 में डुमरियागंज के सांसद बने जगदंबिका पाल ने साल 2019 से लेकर 2024 तक के कार्यकाल में सदन में 99% उपस्थिति दर्ज कराई है। उन्होंने कुल 193 बहसों में हिस्सा लिया। 339 प्रश्न पूछे साथ ही 12 निजी विधेयक पेश किया। अपने संसदीय कार्यकाल में उन्होने कुल 10 करोड़ की रुपए जिले के विकास के लिए खर्च किए हैं।

सिद्धार्थनगरMay 02, 2024 / 07:24 pm

Janardan Pandey

Jagdambika Pal
वर्ष 1998 तारीख 21 फरवरी उत्तर प्रदेश की राजनीति का एक नाटकीय दिन था। मायावती और मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल तात्कालिक रमेश भंडारी के समक्ष कल्याण सिंह की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया ।कल्याण सिंह मंत्रिमंडल के यातायात मंत्री, लोकतांत्रिक कांग्रेस की संस्थापक जगदंबिका पाल को अपने नेता के तौर पर समर्थन दिया। जब यह सब गतिविधियां लखनऊ में चल रही थी तब तात्कालिक मुख्यमंत्री कल्याण सिंह गोरखपुर में अपने चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। सूचना मिलते ही वह सभी कार्यक्रम रद्द करके विधानसभा पहुंचे। उनको अपना बहुमत साबित करने का मौका दिए बिना ही राज्यपाल रमेश भंडारी ने रात 10:00 बजे नाटकीय तरीके से जगदंबिका पाल को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया।
इस अन्याय के खिलाफ कल्याण सिंह के एक मंत्री ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका की सुनवाई कर 23 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि कल्याण सिंह की सरकार को बहाल कर उन्हें शक्ति परीक्षण के लिए तीन दिन का वक्त दिया जाए। तीन दिन बाद 26 फरवरी को हुए शक्ति परीक्षण में कल्याण सिंह को 225 और जगदंबिका पाल को 196 वोट मिले। इस तरह डुमरियागंज के वर्तमान सांसद जगदंबिका पाल के पास उत्तर प्रदेश का सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड है। इस लिए उन्हें “एक दिवसीय मुख्यमंत्री” के नाम से भी जाना जाता है।
आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश के राजनीति के प्रमुख चहरों में से एक भाजपा सांसद जगदंबिका पाल का 5 साल का रिपोर्ट कार्ड क्या कहता है।

सदन में 99% उपस्थित रहे पाल

कार्यकाल 2019 से 2024
सदन में उपस्थिति का आंकड़ा 99%
उपस्थिति राष्ट्रीय औसत से 20% ज्यादा
राज्य औसत से 16 प्रतिशत अधिक है ।
सदन में सांसदों उपस्थित का राष्ट्रीय औसत 79%
उत्तर प्रदेश के सांसदों की उपस्थिति का औसत 83% है।

193 डिबेट में लिया हिस्सा

सांसद ने 193 डिबेट में हिस्सा लिया
अपने डिबेट में इन्होंन सिद्धार्थनगर में सैनिक स्कूल खोले जाने,
आशा कार्यकर्ताओं के वेतन जैसे मुद्दे उठाए
डिबेट का राष्ट्रीय औसत 46.7
राज्य औसत 62.1 है ।

कुछ प्रमुख बिंदु

सरकार से अनुरोध है कि हर घर नल का जल योजना के तहत पाइप लाइन बिछाकर सड़क को सीधा कर दिया जायेगा
आशा कार्यकर्ताओं के वेतन एवं भत्ते बढ़ाने हेतु सरकार से अनुरोध
डुमरियागंज संसदीय क्षेत्र के सिद्धार्थनगर में एक सैनिक स्कूल खोले जाने की आवश्यकता के संबंध में

रोजगार मेला, आंगनवाड़ी उन्नयन संबंधित 359 प्रश्न पूछे

कार्यकाल 2019 से 2024
सांसद ने 339 प्रश्न किए।
प्रश्नों की संख्या राष्ट्रीय औसत से 129 अधिक
उत्तर प्रदेश के सांसदों के औसत से 188 अधिक
सांसदों के प्रश्न करने का राष्ट्रीय औसत 210
उत्तर प्रदेश के सांसदों के प्रश्न का औसत 151 है।
कुछ प्रमुख प्रश्न
आंगनवाड़ी बुनियादी ढांचे का उन्नयन
शहरी बाढ़ को कम करने की पहल
रोज़गार मेले

प्राइवेट मेंबर बिल पेश करने में एक दर्जन का आंकड़ा छुआ

कार्यकाल 2019 से 2023 तक
12 निजी विधेयक पेश किए
विधेयक को लंबित हैं
प्राइवेट मेंबर बिल पेश करने का राष्ट्रीय औसत 1.5
उत्तर प्रदेश के सांसदों का औसत 1.3
कुछ बिल इस प्रकार हैं-
अनिवार्य सैन्य भर्ती विधेयक, 2019
सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2023 (धारा 2 का संशोधन, आदि)
पिछड़ा क्षेत्र विकास विधेयक, 2019

आवंटित बजट में से 5.01 करोड़ किया खर्च

संसदीय क्षेत्र के लिए प्रस्तावित बजट 17 करोड़
7 करोड़ बजट आवंटित हुआ।
सांसद ने 5.01 करोड़ रुपये खर्च किए।
1.99 लाख खर्च होना अभी बाकी है।
(इस खबर के शोध कार्य में रागिनी राय ने मदद की है। वह पत्रिका डिजिटल के साथ इंटर्नशिप कर रही हैं।)

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