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श्री गंगानगर

राजस्थान के 15 जिलों में पानी की सप्लाई पर पड़ सकता है असर, सामने आई यह चौंकाने वाली वजह

बकाया काम को करने के लिए इस बार प्रस्तावित बंदी स्थगित किए जाने से तय अवधि में काम पूरा होने में संदेह है। ऐसे में नहर की जलग्रहण क्षमता बढऩे का दावा फेल साबित होगा, वहीं अब तक खर्च हुए 2200 करोड़ रुपए का कोई लाभ प्रदेश को नहीं मिलेगा।

श्री गंगानगरApr 29, 2024 / 12:31 pm

जमील खान

मंगेश कौशिक
श्रीगंगानगर. इंदिरा गांधी नहर के पुनर्निर्माण की योजना पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। राजस्थान के पंद्रह जिलों की पेयजल और पांच जिलों की सिंचाई पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए राजस्थान जल क्षेत्र पुनर्गठन परियोजना के तहत नहर की क्षतिग्रस्त लाइनिंग के पुनर्निर्माण सहित अन्य कार्यों को पूरा करने के लिए एनडीबी (ब्रिक्स) से 3290 करोड़ का ऋण लिया गया है। एनडीबी (ब्रिक्स) के साथ हुए करार के अनुसार यह काम फरवरी 25 में पूरा होना है।
बकाया काम को करने के लिए इस बार प्रस्तावित बंदी स्थगित किए जाने से तय अवधि में काम पूरा होने में संदेह है। ऐसे में नहर की जलग्रहण क्षमता बढऩे का दावा फेल साबित होगा, वहीं अब तक खर्च हुए 2200 करोड़ रुपए का कोई लाभ प्रदेश को नहीं मिलेगा। पंजाब- हरियाणा में इंदिरा गांधी नहर फीडर की लंबाई 170 किलोमीटर है। इसमें नहर के उद्गम हरिके हैडवक्र्स से 179 आरडी तक 60 किलोमीटर के हिस्से में अभी तक पुनर्निर्माण का कोई काम नहीं हुआ है। नहर का यह हिस्सा सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त है और इसी कारण पंजाब 18000 क्यूसेक से अधिक क्षमता वाली इस नहर में 12000 क्यूसेक से अधिक पानी नहीं छोड़ता। इसकी मुख्य वजह यही है कि ज्यादा पानी छोडऩे पर नहर कहीं पर भी टूट कर पंजाब में भारी तबाही मचा सकती है। नहर के क्षतिग्रस्त होने का खमियाजा राजस्थान को एक दशक से भी अधिक समय से भुगतना पड़ रहा है। इंदिरा गांधी नहर में राजस्थान का हिस्सा 8.6 एमएएफ है, लेकिन नहर के क्षतिग्रस्त होने के कारण वर्तमान में राजस्थान को 5.4 एमएएफ पानी ही मिल रहा है।
सीएम को अवगत कराया
किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल ने इंदिरा गांधी नहर के पुनर्निर्माण की योजना को लेकर व्यक्त की जा रही आशंका से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अवगत करवाया है। सहगल का कहना है कि योजना की अवधि पांच साल की है। दो साल कोरोना काल में कोई काम नहीं हुआ। अब 2024 में इस काम के लिए ली गई बंदी स्थगित करने से तय अवधि में काम पूरा होना मुश्किल है। नहर की जलग्रहण क्षमता नहीं बढ़ी तो पहले की तरह हमारे हिस्से का पानी पाकिस्तान जाता रहेगा। सहगल ने 1 मई से 31 मई तक इंदिरा गांधी नहर में पानी का प्रवाह बंद करवा कर बकाया काम पूरा करवाने की मांग मुख्यमंत्री से की है।
अवधि बढ़ाने का लिखा
इस बार बंदी नहीं लेने से पंजाब और राजस्थान में कोई काम नहीं हुआ। यह बात सही है कि एनडीबी (ब्रिक्स) से फरवरी 2025 तक काम पूरा करने का करार हुआ है। राजस्थान सरकार और केन्द्र सरकार को अवधि बढ़ाने के बारे में लिख दिया है। – अमरजीत मेहरड़ा, मुख्य अभियंता, उत्तर क्षेत्र हनुमानगढ़
तय है समय सीमा
राजस्थान जल क्षेत्र पुनर्गठन परियोजना के अंतर्गत इंदिरा गांधी मुख्य नहर, इसकी शाखाओं, वितरिकाओं और छोटी नहरों के पुनर्निर्माण का काम फरवरी 2025 तक पूरा करवाना तय हुआ है। कोरोना काल में दो साल तक पुनर्निर्माण का काम बंद रहा, इसलिए वर्ष 2023 और 2024 में नहर बंदी के दौरान ज्यादा से ज्यादा काम होना जरूरी था। वर्ष 2023 की बंदी में तो पंजाब और राजस्थान में लाइनिंग के पुनर्निर्माण का काम अपेक्षा के अनुरूप हुआ। इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान नहर बंदी से प्रदेश के पंद्रह जिलों में पेयजल संकट बड़ा मुद्दा नहीं बन जाए, इसे ध्यान में रख कर नहर बंदी स्थगित कर दी गई। प्रदेश में लोकसभा के चुनाव संपन्न होने के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि पुनर्निर्माण का काम तय अवधि में नहीं हुआ और एनडीबी (ब्रिक्स) ने अवधि में छूट नहीं दी तो जो खर्च अब तक हो चुका है, वह व्यर्थ जाएगा।

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