scriptMahashivratri 2024: जयपुर से भी पुराना है यह मंदिर, यहां अदृश्य हो जाती हैं शिव परिवार की मूर्तियां | Miraculous Temple Mahashivratri 2024 Ek lingeswar mahadev mandir older than Jaipur idols of Shiva family invisible here | Patrika News
मंदिर

Mahashivratri 2024: जयपुर से भी पुराना है यह मंदिर, यहां अदृश्य हो जाती हैं शिव परिवार की मूर्तियां

Shiv Temple Mahashivratri 2024 महाशिवरात्रि पर शिवालयों में भीड़ उमड़ती है, लेकिन देश में कई शिवमंदिर हैं जो आम भक्तों के लिए सिर्फ महाशिवरात्रि पर खुलते हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर के ऐसे ही शिवमंदिर के बारे में बता रहे हैं जो साल में एक बार खुलता है। खास बात है कि यहां शिव परिवार की मूर्तियों की स्थापना नहीं हो पाती तो ऐसे चमत्कारी शिव मंदिर में जलाभिषेक के लिए जरूर पहुंचें..

Mar 08, 2024 / 11:39 am

Pravin Pandey

ek_lingeswar_mahadev_mandir_jaipur_1.jpg

एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर जयपुर


जयपुर के मोती डूंगरी पहाड़ी पर स्थित एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर को शंकर गढ़ी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भी आम भक्तों के लिए महाशिवरात्रि के दिन ही खुलता है। मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना जयपुर शहर से भी पहले की गई थी।

पहले राज परिवार के लोग हर साल सावन के महीने में सहस्त्रघट रुद्राभिषेक जैसे धार्मिक आयोजन कराते थे। पहाड़ी के निचले इलाके में खूबसूरत बिड़ला मंदिर और गणेश जी का भी मंदिर है। इस तरह एक ही जगह पर तीन मंदिरों के दर्शन का अवसर मिलता है। इसी वजह से यहां दर्शन के लिए महाशिवरात्रि के एक दिन पहले ही भीड़ आने लगती है। हालांकि पुजारी यहां नियमित पूजा अर्चना करते हैं।
ये भी पढ़ेंः Mahashivratri shubh Muhurt 2024: पहली बार व्रत रखना चाहते हैं तो जान लें विधि, तिथि, योग और महत्व

इतिहासकरारों का का कहना है कि जयपुर का एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर जयपुर से भी पुराना है। यह मंदिर सवाई जयसिंह के समय का है। भगवान शिव के नाम पर ही इस इलाके को शंकरगढ़ के नाम से जाना जाता है। मंदिर निर्माण के बाद भगवान आशुतोष समेत पूरे शिव परिवार को यहां विराजमान कराया गया था। बताया जाता है कि सवाई जय सिंह के छोटे बेटे माधो सिंह के ननिहाल में एकलिंगेश्वर महादेव का मंदिर था, इसलिए उन्होंने यहां भी मंदिर की इच्छा व्यक्ति की। इसके बाद यहां मंदिर की स्थापना कराई गई और यह इलाका एकलिंगेश्वरा महादेव के नाम से जाना जाने लगा।

किंवदंती है कि किसी कारण से स्थापना के कुछ समय बाद ही शिव परिवार की मूर्तियां यहां से ओझल हो गईं। लेकिन इसके बाद फिर से यहां शिव परिवार की मूर्तियां स्थापित कराई गईं, मगर दूसरी बार भी मूर्तिया गायब हो गईं। इसके बाद से किसी अनहोनी के भय के चलते मंदिर में फिर से कभी यहां शिव परिवार की मूर्तियां स्थापित नहीं की गईं।

Home / Astrology and Spirituality / Temples / Mahashivratri 2024: जयपुर से भी पुराना है यह मंदिर, यहां अदृश्य हो जाती हैं शिव परिवार की मूर्तियां

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो