रियल एस्टेट मार्केट में सुस्ती का दौर जारी है। साल 2017 के दूसरे तिमाही में नए प्रोजेक्ट्स की लॉन्चिंग में 22 फीसदी की कमी आई है। वहीं, कीमतों में 1 फीसदी का इजाफा हुआ है तो बिना बिक हुए फ्लैट्स में भी कमी आई है।
नई दिल्ली। रियल एस्टेट मार्केट में सुस्ती का दौर जारी है। साल 2017 के दूसरे तिमाही में नए प्रोजेक्ट्स की लॉन्चिंग में 22 फीसदी की कमी आई है। वहीं, कीमतों में 1 फीसदी का इजाफा हुआ है तो बिना बिक हुए फ्लैट्स में भी कमी आई है। रियल एस्टेट डाटा, रिसर्च और एनालिटिक्स फर्म प्रोपइक्विटी द्वारा जारी एक स्टडी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार देश के आठ बड़े शहरों में दूसरी तिमाही में 17,858 घरों की लॉन्चिंग हुई, जबकि पहली तिमाही में 22,762 घरों की लॉन्चिंग हुई थी।
कीमतों में मामूली वृद्धि
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 के दूसरे तिमाही में घरों की कीमत में 1 फीसदी की मामूली वृद्धि देखने को मिली। वहीं, अनसोल्ड इनवेंट्री में भी 2 फीसदी की कमी आई। देश के टॉप आठ शहरों में अनसोल्ड इनवेंट्री 4,62,914 से घटकर 4,49,233 रह गई। वहीं, घरों की मांग में भी 2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। रिपोर्ट बताती है कि पिछले कुछ समय से डेवलपर्स नए लॉन्च करने की बजाय अपनी अनसोल्ड इन्वेंटरी पर फोकस कर रहे हैं। यही वजह है कि नई लॉन्चिंग तो कम हुई है और अनसोल्ड इन्वेंटरी भी कम हुई है।
किन शहरों में हुई स्टडी
यह स्टडी देश के आठ बड़े शहरों में हुई, जिसमें गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई, कोलकाता, हैदाराबाद, बेंगलुरु, पुणे और चैन्नई शामिल है।
जीएसटी-रेरा से बदलेगी तस्वीर
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक औैर सीईओ समीर जसुजा ने बताया कि एक बार जीएसटी और रेरा पूरी तरह से कार्यान्वित हो जाने के बाद, रियल एस्टेट में पारदर्शिता बढ़ेगी जो खरीदारों के बीच विश्वास प्रदान करेगी। इससे प्रॉपर्टी बाजार को बूस्ट मिलेगा और घर की खरीदारी बढ़ेगी। हालांकि, नए सप्लाई 6-9 महीने के लिए कम रहने की उम्मीद है क्योंकि रेरा और जीएसटी आने से डेवलपर्स को समांजस्य बैठाने में मुश्किल होगी।