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हुड्डा सरकार ने रेवडियों की तरह चहेतों को बांटे प्लाट

Published: Mar 20, 2015 05:39:00 pm

प्लाट आबंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव, सरकार ने पेश की सदन के पटल पर रिपोर्ट

चंडीगढ़। हरियाणा की पूर्व कांग्रेस सरकार का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। हालांकि यह मामला कई तरह की गड़बडियों के चलते पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसके बावजूद इस प्रकरण में कई तरह की खामियां सार्वजनिक हुई हैं। विधायक टेक चंद शर्मा ने शुक्रवार को सरकार से पूछा था कि पूर्व सरकार ने वर्ष 2011 में पंचकूला में किन पात्रों को भूखंडों का आबंटन किया था। क्या इन भू-खंडों का आबंटन अपात्र लोगों को किया गया है।

मुख्यमंत्री के हवाले से इस सवाल का जवाब देते हुए कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि कुल 14 प्लाटों के लिए 582 आवेदन आए थे। औद्योगिक भूखण्डों में प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी रही और मुख्यमंत्री के विशेष करीबी अधिकारियों व अन्य लोगों को प्लाट आवंटित किये गए। हालांकि, मामले को न्यायालय में चुनौती दी जा चुकी है लेकिन सरकार कि सी सदस्य द्वारा मांगी गई जानकारी सदन पटल पर रखने में सक्षम है।

हुड्डा की दरें 6400 रूपये प्रति वर्ग गज की थी, परंतु कलैक्टर रेट इससे तीन गुना से अधिक थे। आवंटियों को हुडा की दर पर प्लाट दिए गए। उन्होंने कहा कि इसमें कुल 14 प्लाट आवंटित किए गए थे, जिनमें 1280 वर्ग मीटर का एक, 1000 वर्ग मीटर के नौ तथा 496 वर्ग मीटर के चार प्लाट थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में कई पहलू ऎसे हैं जो जांच के योगय हैं। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि पूर्व सरकार ने प्लाट आबंटित करने में कई नियमों की अनदेखी की है।

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