यह आदेश न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार तीन दिसम्बर 2018 को बुलंदशहर के स्याना थानाक्षेत्र में गोकशी को लेकर हुए बवाल में लाठियों अवैध असलहों व धारदार हथियारं से लैस उपद्रवियों ने थाना घेरकर जमकर तोड़फोड़, पथराव, व फायरिंग की थी। इस हिंसा में पुलिस उप निरीक्षक सुबोध सिंह को गोली लगी थी, जिनकी बाद में मृत्यु हो गई।
घटना के बाद 27 नामजद व 50-60 अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 332, 333, 336, 341, 353, 307, 427, 436 एवं 109, क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंटएक्ट की धारा सात व लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत स्याना कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई थी। इसी मामले में आरोपी तीनों याचियों की जमानत के समर्थन में कहा गया कि चंद्रपाल व रोहित राघव एफआईआर में नामजद नहीं हैं। साथ ही तीनों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यह भी कहा कि यदि उन्हें जमानत पर रिहा किया गया तो वे उसका दुरुपयोग नहीं करेंगे।
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