16 पुराने अनुयायियों ने लगाया आरोप
रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि स्कूल के 16 पुराने अनुयायियों, जिनमें 14 पुरूष और 2 महिलाएं शामिल हैं, ने आरोप लगाया कि तंत्र विद्या के नाम पर सैंकड़ों महिलाओं को योग गुरू के साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। यही नहीं इनमें से लगभग 40 महिलाओं के साथ स्कूल के वरिष्ठ पुरूष कर्मचारियों ने हवस मिटाई थी। बता दें कि पीड़ितों में कुछ यूके, ब्राजील, यूएस और कनाडा की महिलाएं भी शामिल हैं। ये सभी दावा कर रहे हैं कि अगम स्कूल में ये घटनाएं आम हैं क्योंकि वहां आने वाले लोग स्वामी विवेकानंद सरस्वती पर अंधविश्वास करते हैं। अनुयायियों का कहना है कि यहां के योग गुरू महिलाओं को बहला-फुसला कर यौन शोषण करते हैं। वे सेक्स को धर्म से जोड़कर महिलाओं का ब्रेन वॉश करते हैं।
पीड़िता ने सुनाई आपबीती
स्कूल में यौन शोषण का शिकार हुई एक पीड़िता ने कहा कि उसके साथ वहां जो कुछ भी हुआ था उससे उसके दिमाग पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। उसने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि स्कूल के अंदर हुई भयानक वारदातों की यादें उसके दिमाग से कभी नहीं निकलेंगी।
विवेकानंद सरस्वती ने छोड़ा देश
इस सनसनीखेज मामले के सामने आने के बाद स्कूल में खलबली मच गई है। स्कूल प्रशासन ने संस्थापक पर लगे गंभीर आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि विवेकानंद सरस्वती ने स्कूल की सभी प्रशासनिक और शिक्षण संबंधी जिम्मेदारियों से खुद को अलग करने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि ये कदम उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए उठाया है। कहा जा रहा है कि विवेकानंद सरस्वती ने देश भी छोड़ने का फैसला किया है। हालांकि जिन महिलाओं ने स्कूल पर यौन शोषण का आरोप लगाया था प्रशासन ने उन सबसे माफी मांगी है। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने वहां युवतियों के यौन शोषण के इल्जाम से इनकार किया है।
मामले की जांच जारी
प्रबंधन ने इस मामले की जांच के लिए जांच कमेटी का भी गठन किया है। फिलहाल स्कूल पहले की तरह ही चलाया जा रहा है। गौरतलब है कि मूलरूप से रोमानिया के रहने वाले स्वामी विवेकानंद सरस्वती ने भारत के ऋषिकेश में भी काफी समय गुजारा है। इसके बाद वो थाइलैंड में जाकर बसे।