यह भी पढ़ें— अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस: सुहागनगरी के बच्चों में शिक्षा की लौ जगा रहीं प्रतिभा, पढ़िए पूरी खबर खुले में शौच जाता है दिव्यांग नीरू
फिरोजाबाद जिले के नारखी क्षेत्र के गांव राजपुर डोरसा कोटला में रहने वाला 14 वर्षीय नीरू पुत्र सत्यपाल दिव्यांग है। उसे आंखों से कुछ भी दिखाई नहीं देता है। वह चार भाई—बहन हैं। बड़ी बहन शादी योग्य है। शौच के लिए उसे खेत में जाना पड़ता है। शौच कराने के लिए नीरू को परिवार का कोई न कोई सदस्य खेत में लेकर जाता है। बाकी परिवार के सभी सदस्य भी खेत में शौैच करने जाते हैं।
फिरोजाबाद जिले के नारखी क्षेत्र के गांव राजपुर डोरसा कोटला में रहने वाला 14 वर्षीय नीरू पुत्र सत्यपाल दिव्यांग है। उसे आंखों से कुछ भी दिखाई नहीं देता है। वह चार भाई—बहन हैं। बड़ी बहन शादी योग्य है। शौच के लिए उसे खेत में जाना पड़ता है। शौच कराने के लिए नीरू को परिवार का कोई न कोई सदस्य खेत में लेकर जाता है। बाकी परिवार के सभी सदस्य भी खेत में शौैच करने जाते हैं।
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ग्राम प्रधान और सचिव ने भी नहीं उसकी नहीं सुनी तो उसने हारकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई। दिव्यांग बच्चे का कहना है कि ग्राम प्रधान और सचिव उसकी नहीं सुन रहे हैं। उनके पिता बहुत गरीब हैं। मेहनत मजदूरी करके किसी तरह उनका पालन पोषण कर रहे हैं। रहने को झोंपड़ी है और सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं। उन्हें प्रधानमंत्री आवास, एक शौचालय और राशन कार्ड चाहिए। जिससे उसका परिवार भली भांति जीवन यापन कर सके।
ग्राम प्रधान और सचिव ने भी नहीं उसकी नहीं सुनी तो उसने हारकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई। दिव्यांग बच्चे का कहना है कि ग्राम प्रधान और सचिव उसकी नहीं सुन रहे हैं। उनके पिता बहुत गरीब हैं। मेहनत मजदूरी करके किसी तरह उनका पालन पोषण कर रहे हैं। रहने को झोंपड़ी है और सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं। उन्हें प्रधानमंत्री आवास, एक शौचालय और राशन कार्ड चाहिए। जिससे उसका परिवार भली भांति जीवन यापन कर सके।