रात्रि में निकाली गई राम बारात
गुरुवार रात्रि नगर में श्रीराम बारात धूमधाम से निकाली गई। बारात को देखने के लिए देर शाम से ही आस-पास गांवों की भीड़ नगर में आ गई थी। बारात केस्वागत के लिए नगर को दुल्हन की तरह सजाया व संवारा गया था। नगर में जगह-जगह तोरणद्वार बनाए गए थे। एटा रोड से बारात का शुभारंभ श्रीराम के डोले का फीता काटकर व स्वरूपों की आरती उतारकर किया गया। बारात में सबसे आगे भगवान श्री गणेश की झांकी थी। उसके बाद मां दुर्गा की झांकी थी जिसमें नौ रूपों को दर्शाया गया था।
गुरुवार रात्रि नगर में श्रीराम बारात धूमधाम से निकाली गई। बारात को देखने के लिए देर शाम से ही आस-पास गांवों की भीड़ नगर में आ गई थी। बारात केस्वागत के लिए नगर को दुल्हन की तरह सजाया व संवारा गया था। नगर में जगह-जगह तोरणद्वार बनाए गए थे। एटा रोड से बारात का शुभारंभ श्रीराम के डोले का फीता काटकर व स्वरूपों की आरती उतारकर किया गया। बारात में सबसे आगे भगवान श्री गणेश की झांकी थी। उसके बाद मां दुर्गा की झांकी थी जिसमें नौ रूपों को दर्शाया गया था।
काली अखाड़ा रहा आकर्षण का केन्द्र
बारात में काली का अखाड़ा, सुरसा के मुंह में हनुमानजी की झांकी, बांके बिहारी की झांकी बरबस लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थीं। झांकियों के बीचों बीच चल रहा बैंड धार्मिक धुन बजाता चल रहा था। बैंड की मधुर ध्वनि पर युवा थिरकते चल रहे थे। बैंड के साथ भरत-शत्रुघन का डोला चल रहा था। उनके पीछे नगर के प्रमुख बैंड अपनी मनमोहक धुन बिखेर रहे थे। सबसे पीछे भगवान श्रीराम का डोला चल रहा था।
बारात में काली का अखाड़ा, सुरसा के मुंह में हनुमानजी की झांकी, बांके बिहारी की झांकी बरबस लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थीं। झांकियों के बीचों बीच चल रहा बैंड धार्मिक धुन बजाता चल रहा था। बैंड की मधुर ध्वनि पर युवा थिरकते चल रहे थे। बैंड के साथ भरत-शत्रुघन का डोला चल रहा था। उनके पीछे नगर के प्रमुख बैंड अपनी मनमोहक धुन बिखेर रहे थे। सबसे पीछे भगवान श्रीराम का डोला चल रहा था।
डोले में सवार थे श्रीराम—लक्ष्मण
जिसमें भगवान श्रीराम व लक्ष्मण मनमोहनी मूरत के रूप में विराजमान थे। राम बारात नगर भ्रमण करते हुए रामलीला मैदान स्थित जनकपुरी पहुंची। देर रात्रि विधि विधान व मंत्रों की गूंज के बीच माता सीता व भगवान श्रीराम का विवाह संपन्न कराया गया। सुरक्षा की दृष्टि से राम बारात के साथ व्यापक पुलिस बल व पीएसी के जवान तैनात रहे।
जिसमें भगवान श्रीराम व लक्ष्मण मनमोहनी मूरत के रूप में विराजमान थे। राम बारात नगर भ्रमण करते हुए रामलीला मैदान स्थित जनकपुरी पहुंची। देर रात्रि विधि विधान व मंत्रों की गूंज के बीच माता सीता व भगवान श्रीराम का विवाह संपन्न कराया गया। सुरक्षा की दृष्टि से राम बारात के साथ व्यापक पुलिस बल व पीएसी के जवान तैनात रहे।