रात भर पुलिस ने दी ताबड़तोड़ दबिश, रात में ही 12 और लोग गिरफ्तार किये गए।
रात में ही सोनभद्र और वाराणसी में मरने वाले सभी 10 मृतकों का हुआ पोस्टमार्टम।
सोनभद्र नरसंहार
सोनभद्र . उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में जमीन पर कब्जे को लेकर हुए हमले में 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। इसमें 17 लोग घायल हैं, जबकि पांच की हालत चिंताजनक बनी हुई है। इस मामले में पुलिस ने 27 नामजद समेत 50 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर देर रात तक ताबड़तोड़ छापेमारी और गिरफ्तारियां कीं। रात में हुई कार्रवाई में पुलिस ने आरेपी प्रधान यज्ञदत्त के भतीजे समेत 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर एक और असलहा बरामद किया। घटना के बाद भी पुलिस ने 12 आरोपी गिरफ्तार कर एक बंदूक बरामद की थी। गांव में तनाव को देखते हुए कई थानों की पुलिस और कई कंपनी पीएसी तैनात कर दी है। शवों का पोस्टमार्टम तो रात में ही कराया जा चुका है, लेकिन अब तक ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के लिये शव नहीं सौंपे गए हैं।
इसे भी पढ़ेंसोनभद्र से ग्राउंड रिपोर्ट: उबहां गांव में नरसंहार के बाद, दर्दनाक खामोशी बुधवार की रात घटना के बाद डीआईजी पीयूष श्रीवास्तव व कमिश्नर आदंन कुमार भी घटना स्थल पर पहुंचे। तत्काल घोरावल थाने में पुलिस की एक टीम तैयार कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये रवाना कर दी गयी। अधिकारियों ने गांव के हालात का जायजा लेने के बाद वहां सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करने का निर्देश दिया, जिसके बाद कई थानों से और फोर्स बुलाने साथ ही कई कम्पनी पीएसी भी रात में ही तैनात कर दी गयी।
इसे भी पढ़ेंसोनभद्र नरसंहार: घायलों से मिला कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल, सीएम योगी का मांगा इस्तीफा पूरी रात दबिश दी जाती रही और सुबह तक 12 और आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा, जिनमें मुख्य आरोपी प्रधान यज्ञदत्त का भतीजा भी शामिल है। हालांकि अभी तक यज्ञदत्त पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उधर देर रात रॉबर्ट्सगंज स्थित जिला अस्पताल में नौ मृतकों का पोस्टमार्टम करा लिया गया, जबकि हालत चिंताजनक होने के बाद वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर रेफर किये गए घायल की मौत के बाद बनारस में उसका भी पोस्टमार्टम करा दिया गया। घायलों का इलाज सोनभद्र में चल रहा है, जबकि जिनकी हालत गंभीर है उनका ट्रीटमेंट वाराणसी ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है।
इसे भी पढ़ेंसोनभद्र में जमीन विवाद में हिंसक झड़प, 9 लोगों की हत्या, जानिये क्या है पूरी कहानी हालांकि पोस्टमार्टम भले ही हो गया हो, लेकिन अब तक पुलिस प्रशासन ने शव ग्रामीणों को नहीं सौंपे हैं। पुलिस को इस बात की आशंका है कि शव मिलने के बाद एक बार फिर हंगामा या बवाल हो सकता है। शुरू में पुलिस ने परिजनों को रॉबर्ट्सगंज में ही अंतिम संस्कार करने को कहा, लेकिन वो नहीं माने और इससे इनकार कर दिया। बाद में जिलाधिकारी इस ग्रामीणों को शव सौंपने के लिये तैयार हो गए, लेकिन अब तक शव उन्हें सौंपे नहीं गए है। डीएम ने परिजनों को अंतिम संस्कार की तैयारी करने को कहा है। संभवत: यह भी हो सकता है कि पुलिस कड़ी सुरक्षा में भारी फोर्स के साथ सीधे गांव जाकर अपने सामने ही अंतिम संस्कार कराए। हालांकि इस बाबत अभी किसी अधिकारी ने कुछ कहा नहीं है।