जयपुर

जानिये किस प्रकार एक बच्ची ने समाज से लड़कर रुकवाई शादी

घर वालों को साफ कह दिया कि वो शादी नहीं करेगी। माता-पिता नहीं माने। कल्पना ने अपने स्कूल की टीचर रूबी खान और विपिन सर को हकीकत बताई और मदद मांगी।

जयपुरFeb 15, 2017 / 11:21 am

rajesh walia

child marriage

घटना जयपुर आगरा रोड स्थित प्रेम नगर में रहने वाली दस वर्षीय कल्पना की हैं जिसकी बुधवार को बरात आनी थी। उसने शादी नहीं करने और पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया। 
घर वालों को साफ कह दिया कि वो शादी नहीं करेगी। माता-पिता नहीं माने। कल्पना ने अपने स्कूल की टीचर रूबी खान और विपिन सर को हकीकत बताई और मदद मांगी।

इस पर स्कूल टीचर ने घर जाकर माता-पिता को समझाया, नहीं मानने पर पुलिस बुलाने की धमकी दी। बातचीत आग बढ़ी और लड़के वालों को बुलाकर समझाइश की। 
काफी प्रयासों के बाद दोनों परिवार इस बात के लिए राजी हुए कि कल्पना के बालिग होने तक शादी नहीं करेंगे।

अब कल्पना के घर बुधवार को उसकी बड़ी बहन की बरात आएगी। आगरा रोड पर प्रेम नगर जेडीए कॉलोनी में रहने वाली 10 वर्षीय कल्पना की शादी आज बडी बहन अंजली (20) के साथ ही होनी थी।
 बाल शिक्षा आश्रम स्कूल के संचालक विपिन तिवाडी व शिक्षिका रूबी खान का कहना है कि कल्पना की उम्र महज 10 साल है, लेकिन हमें यह पता चला कि कल्पना शादी नहीं करना चाहती इसके लिए वह शादी की रस्में भी नहीं कर रही है। 
उसके बाद शिक्षिका रूबी ने रोजाना सुबह शाम कल्पना के परिजनों को समझाया, धमकाया और बाल विवाह कानून से भी अवगत कराया।

एक भी रस्म पूरी नहीं की

कल्पना को चार दिन पहले ही शादी होने का पता चला। उसने हिम्मत से काम लिया और किसी भी रस्म में शामिल नहीं हुई। दोनों बहनों की शादी गंगापुर सिटी निवासी गब्बर सिंह के बेटे आनंद व भूरा से हो रही थी। पिता मंजर सिंधी वाल ने बताया- 4 महीने पहले रिश्ता तय हुआ था।
मैं पढा़ई करूंगी, दूल्हा मेरे लायक होगा तो ही करूंगी शादी

कल्पना ने बताया पापा से शादी ना करने की बात कही तो उन्होंने काफी डांटा। मैं किसी भी रस्म में नहीं गई। मैंने स्कूल में रूबी मैडम और विपिन सर से भी गुहार लगाई। 
मैडम और सर के दखल के बाद जब पापा ने शादी रुकवाने की बात की तो लगा अब मैं वापस पढ़ाई कर सकूंगी। भूरा भी अच्छा पढ़ेगा तो बालिग होने पर शादी कर लूंगी।
9 बच्चे हैं, खर्चा नहीं चलता: मंजर

पिता मंजर का कहना है कि 9 बच्चे हैं। घर का खर्च नहीं चलता। खर्चा बचाने के लिए कल्पना की शादी भी करना चाहते थे। कल्पना की जिद के आगे झुकना पड़ा, लेकिन खुशी है बेटी पढ़ना चाहती है।
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