अलवर

मिठाई के साथ डिब्बा तोलने से हर दिन लग रही एक लाख की चपत

शहर में मिठाई के साथ डिब्बा तोलने से लोगों को प्रतिदिन एक लाख रुपए की चपत लग रही है। मिठाई खरीदने पर लोगों को अघोषित रूप से मिठाई के साथ कागज के डिब्बे की भी कीमत चुकानी पड़ रही है।

अलवरSep 28, 2016 / 01:36 pm

शहर में मिठाई के साथ डिब्बा तोलने से लोगों को प्रतिदिन एक लाख रुपए की चपत लग रही है। मिठाई खरीदने पर लोगों को अघोषित रूप से मिठाई के साथ कागज के डिब्बे की भी कीमत चुकानी पड़ रही है। अलवर में मिठाइयों की दुकान करीब 300 हैं। पत्रिका की ओर से की गई टीम रेड में यह सामने आया कि अधिकतर दुकानदार मिठाई के साथ डिब्बे भी तोल रहे हैं।
मिठाई विक्रेताओं के यहां डिब्बे का वजन 75 ग्राम से 110 ग्राम तक का है। इस हिसाब से एक किलो पर 100 ग्राम वजन का डिब्बा माना जाए तो प्रतिदिन एक लाख रुपए की चपत मिठाई खरीदने वालों की लग जाती है। अलवर में मिठाई के भाव 200 रुपए से 500 रुपए प्रति किलो तक हैं। कई दुकानदार तो ग्राहकों से पूछ लेते हैं कि वे थैले या डिब्बे किसमें मिठाई लेना पसंद करेंगे?
अधिकतर ग्राहक किसी के यहां मिठाई ले जाने पर डिब्बे में ही ले जाना पसंद करते हैं। इसका फायदा दुकानदार उठाता है और वे तत्काल ही मिठाई के भाव डिब्बे को तोल देते हैं। ग्राहकों को मिठाई के साथ डिब्बा नहीं तोलने की जानकारी ही नहीं है और सम्बन्धित विभाग को इसकी परवाह नहीं है।
अलवर जिले की बात करें तो पूरे जिले में 5 हजार मिठाइयों की दुकानें हैं जिनमें अधिकांश पर मिठाइयों के साथ डिब्बे तोले जाते हैं। कई दुकानदारों से जब ग्राहक डिब्बे के साथ मिठाई तोलने पर ऐतराज करते हैं तो उन्हें 50 ग्राम मिठाई अधिक देने की बात कहकर टरका दिया जाता है।
कई दुकानदार डिब्बे की बजाए कागज के थैले में मिठाई ले जाने की नसीहत देते हैं। अलवर जिले में मिठाई के साथ डिब्बे नहीं तोले जाएं, इसके लिए प्रशासन हर वर्ष दीपावली पर्व पर हलवाइयों के साथ बैठक कर उन्हें मिठाई के साथ डिब्बा नहीं तोलने की हिदायत देता है, लेकिन इन आदेशों को नहीं माना जाता है।
अलवर शहर में मिठाइयों की दुकानों की संख्या …………. 303
शहर में प्रतिदिन मिठाइयों की बिक्री किलो में …………. 3 हजार किलो
प्रतिदिन होती हैं …………. 8 से 10 रुपए लाख की मिठाइयों की बिक्री
एक डिब्बा 100 ग्राम से कम का भी माने तो प्रतिदिन चपत लगती हैं …………. 1 लाख रुपए की प्रतिदिन
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