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अब टी-20 अंदाज़ में पढ़ें खबरें, यहां जानें 5 जुलाई की बड़ी- ताज़ा और रोचक खबरें

भागदौड़ भरी जिंदगी में हम आपके लिए लाए हैं फ़टाफ़ट फॉर्मेट में बड़ी और दिलचस्प खबरें। अगर आप तमाम बड़ी खबरें नहीं पढ़ पाए हैं या फिर आपके पास समय की कमी है तो एक ही खबर में पढ़िए अब तक की बड़ी व महत्वपूर्ण खबरें…

Jul 05, 2017 / 09:29 am

Abhishek Pareek

भारत-चीन के बीच तनाव बरकरार, ड्रैगन ने हिंद महासागर में भेजे 13 युद्धपोत, 7वीं पनडुब्बी दिखी 
नई दिल्ली।

सिक्किम में भारत-चीन-भूटान सीमा (डोकलाम) पर भारत और चीन की सेना के बीच तनातनी को चीन ने नया रूप देना शुरू कर दिया है। डोकलाम से हजारों किमीदूर हिन्द महासागर में चीन ने जंगी जहाज और पनडुब्बियों की तैनाती शुरू कर दी है। 
भारतीय नौसेना के उपग्रह रुकमणि (जीसैट-7) और समुद्र में लंबी दूरी तक जासूसी करने वाले पोसेडन-8 वन विमान ने भारतीय क्षेत्र में कम से कम 13 चीनी नौसैनिक पोतों को देखा है। इनमें आधुनिक मिसाइल युक्त लुयांग-3 और युआन क्लास की एक पनडुब्बी भी है। इस क्षेत्र में यह 7वीं पनडुब्बी है। दिसंबर 2013 से अब तक चीन कभी परमाणु तो कभी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को बारी-बारी से यहां तैनात करता रहा है। 
चीनी युद्धपोतों को 2013-14 में भारतीय समुद्री क्षेत्र में देखा गया था। इधर, चीनी नौसेना की इन आक्रामक गतिविधियों के जवाब में भारतीय नौसेना ने भी अपनी सतर्कता और तैनाती को बढ़ा दिया है। 
भूटान का बचाव करने पर चिढ़ा चीन

दरअसल डोकलाम भूटान का इलाका है, लेकिन चीन यहां सड़क बनाना चाहता है। भूटान के इलाके में चीन की मनमानी के खिलाफ भारत ने इसलिए विरोध जताने में तेजी दिखाई, क्योंकि इसका भारत की सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा। चीन इसी बात से भड़का हुआ है कि भारत भूटान के बचाव में इस तरह क्यों सामने आया। इस बीच मामले को राजनयिक स्तर पर सुलझाने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। मसले का समाधान कूटनीतिक तरीके से ही होगा। 
डोकलाम में दोनों सेनाओं ने पैर जमाए..

डोकलाम में दोनों सेनाएं पीछे हटने को राजी नहीं हैं, चीन और भारत ने इस क्षेत्र में सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। दोनों सेनाएं ‘इंतजार करो और देखो’ की नीति पर चल रही हैं। डोका ला नाथू ला सहित पूरे इलाके में सेना ने मोर्चा संभाल रखा है ।
जासूसी पोत हाईविशिंग भी घुसा

चीन का जासूसी पोत (हाईविशिंग) भी पिछले सप्ताह भारतीय समुद्री इलाके में घुस आया था। इसे बंगाल की खाड़ी में भारत-यूएस-जापान के नौसेना अभ्यास ‘मालाबार’ की जासूसी करने के मकसद से भेजा गया है जो अगले सप्ताह से शुरू हो रहा है।
यह है विवाद

चुंबी घाटी में स्थित डोकलाम तीनों देशों का चौराहा है। भारत-चीन के बीच के नाथू-ला और जेलप-ला दर्रे यहां खुलते हैं। इस घाटी में सैन्य गतिविधियां मुश्किल हैं। सिलीगुड़ी गलियारे से यह 50 किमी है। कुछ जगहों पर यह केवल 17 किमी चौड़ा है। इसीलिए इसे भारत का ‘चिकन्स नेक’ कहते हैं। चुंबी घाटी ना केवल भारत के सामरिक हितों, बल्कि आंतरिक व्यवस्था के लिए भी बहुत अहमियत रखती है। गलियारा चुंबी घाटी के ठीक नीचे है। इसलिए भारत ने कहा कि यहां सड़क पेइचिंग की रणनीति का हिस्सा है। 
‘भाग्य’ बदलने को बदली जगह!, पूरब की तरफ मुंह कर बैठने लगे निरूपम

मुंबई।

कांग्रेस को बहुत देर से भाग्य का खयाल आया है। निराशा के भंवर से निकलकर कांग्रेस अब बिगड़ा हुआ भाग्य संवारने में जुट गई है। पार्टी वास्तु शास्त्र के सहारे भाग्य सुधारने की कोशिश कर रही है। 
इसके उदाहरण देखने को मिल रहे हैं मुंबई रीजनल कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में। राजीव गांधी भवन में स्थित इस दफ्तर में संजय निरूपम और अन्य लोग अब सूरज की तरफ यानी पूरब की ओर मुखातिब होकर बैठे नजर आ रहे हैं, जबकि पहले ऐसा नहीं था। संजय निरूपम ने बताया कि वह वास्तु में विश्वास नहीं रखते थे, लेकिन अगर इससे मदद मिलती है, तो अच्छी बात है।फर्नीचर भी बदला गया है, हालांकि इस पर निरूपम ने कहा कि ये बहुत जगह घेरते थे। पुराने हो गए थे, इसलिए इन्हें बदला गया है। 
कई नेता बोले- इससे कुछ हासिल नहीं होगा

कई पार्टी नेताओं को नई व्यवस्था पसंद नहीं आ रही। नाम न जाहिर करने की शर्त पर कई नेताओं ने यह बात कही। मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने कहा, ‘पार्टी नेतृत्व को कई मूलभूत बदलाव करने चाहिए। पूर्ण पुनर्विचार का वक्त आ गया है, पंडितों-संतों और वास्तु का सहारा लेने से कुछ हासिल नहीं होगा जब तक असल बदलाव नहीं किए जाते।’
बदली गई मुख्य द्वार की दिशा 

पार्टी से जुड़े एक कार्यकर्ता ने बताया कि एमआरसीसी मुख्यालय में वास्तु के हिसाब से कुछ बदलाव किए गए हैं। कार्यकर्ता ने बताया कि बैठने की व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं। पहले संजय निरूपम दक्षिण की ओर चेहरा करके बैठा करते थे। दफ्तर में बैठने की व्यवस्था के अलावा कई अन्य बदलाव किए गए हैं। मुख्य द्वार की दिशा भी बदली गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के केबिनों को फिर से डिजाइन किया गया है।
इजरायल में PM मोदी का शानदार स्वागत, नेतन्याहू ने हाथ जोड़कर हिंदी में कहा -आपका स्वागत है मेरे दोस्त

तेल अवीव।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इजरायल यात्रा को भारतीय विदेश नीति में एक नया अध्याय माना जा रहा है। भारत में इस यात्रा को लेकर उत्साह है तो इजरायल भी इसे लेकर काफी उत्साहित है। पीएम मोदी इजरायल की राजधानी तेल अवीव में जब अपने विमान से उतरे तो उनका स्वागत करने के लिए खुद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नतन्याहू मौजूद थे। 
नेतन्याहू ने काफी गर्मजोशी के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया। दोनों ने खूब देर तक हाथ मिलाया आैर दोनों देशों के ये नेता आपस में गले भी मिले। ये पहली बार है जब कोर्इ भारतीय प्रधानमंत्री इजरायल गया है। 
तेल अवीव के एयरपोर्ट पर पीएम माेदी के इंतजार में एक मंच सजाया गया था। इस दौरान इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने हिंदी में पीएम मोदी से जो कहा वो काफी अनोखा था। उन्होंने अपने दोनों हाथ जोड़कर कहा- आपका स्वागत है मेरे दोस्त। 
इस दौरान पीएम मोदी ने भाषण भी दिया। उन्होंने कहा कि इजरायल आना सम्मान की बात है। दोनों नेता इस दौरान काफी खुश दिखे आैर एयरपोर्ट पर छोटी सी मुलाकात के दौरान तीन बार गले मिले। 
ज्ञानदेव आहूजा ने खोला अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा, बोले- इतना मजबूर न करें कि मैं तिवाड़ी के साथ खड़ा हो जाऊं

रामगढ़।

विधानसभा क्षेत्र रामगढ़ में बिगड़ती कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए रामगढ़ से भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
यहां मंगलवार को धरने पर बैठे आहूजा ने कहा, मैं सरकार और पार्टी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन वे मजबूर नहीं करें कि मैं घनश्याम तिवाड़ी के साथ खड़ा हो जाऊं। धरना स्थल पर आहूजा के साथ बड़ी संख्या में समर्थक भी मौजूद थे। 
प्रदर्शन की चेतावनी

धरना स्थल पर आहूजा ने कहा, पुलिस अपराधियों के खिलाफ ढिलाई बरत रही है। इसी कारण क्षेत्र में लव जेहाद जैसी घटनाएं हो रही हैं। समुदाय विशेष के कुछ लोग षड्यंत्रपूर्वक लव जेहाद व धर्म बदलने को मजबूर कर रहे हैं। पीडि़त पक्ष की ओर से पुलिस में मामले भी दर्ज कराए गए, लेकिन पुख्ता कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने चेतावनी दी कि शीघ्र मांग नहीं मानी गई तो जिला मुख्यालय व प्रदेश मुख्यालय पर भी प्रदर्शन किया जाएगा।
आनंदपाल का एनकाउंटर सही तो सीबीआई जांच में विलम्ब क्यों, अनशन कर विभिन्न संगठनों ने कहा 

जयपुर।

गैंगस्टर आनन्दपाल के एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग को लेकर मंगलवार को विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी-कार्यकर्ता अनशन पर बैठे। विद्याधरनगर में पूर्व उप राष्ट्रपति भैंरोसिंह शेखावत के समाधि स्थल पर दिनभर चले अनशन के दौरान राज्य सरकार से सीबीआई को तत्काल जांच सौंपने की मांग की गई। 
अनशन के दौरान श्रीराजपूत करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष अजीत सिंह मामडाली ने आरोप लगाया कि सरकार शव पर राजनीति कर रही है। दस दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं होना सरकार के लिए शर्मनाक है। आंदोलनों के चलते जेल व पुलिस थानों में बंद किए गए लोगों को भी सरकार तत्काल छोड़े। 
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता व जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि एनकाउंटर सही है तो सरकार को जांच कराने में विलम्ब नहीं करना चाहिए। अनशन में राज्य बुनकर संघ के पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम तंवर, ग्रामीण राजपूत सभा के अध्यक्ष रामसिंह चन्दलाई, रणजीत सिंह, मोहन सिंह हाथोज, भारतीय क्षत्रिय महासभा के भरत सिंह, तंवरावाटी महासभा के भूपेन्द्र सिंह मावन्डा भी शामिल हुए। 
विक्की व गट्टू ने कबूला, कराया था फरार

नागौर पेशी से अजमेर लौटते समय आनंदपाल को उसके भार्इ विक्की और गट्टू ने फरार कराया था। एसओजी सूत्रों के मुताबिक रिमांड पर चल रहे विक्की और गट्टू ने इसकी पुष्टि की है। आनंदपाल की फरारी के मामले में दोनों को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर 5 दिन के रिमांड पर लिया गया था। सोमवार को ही एसओजी दोनों को लेकर जयपुर पहुंची थी। आनंदपाल से मुठभेड़ में भी दोनों भाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी, जिसमें आनंदपाल का एनकाउंटर हो गया था। दोनों भाइयों को एसओजी ने हरियाणा के सिरसा से पकड़ा था और उनसे पूछताछ में आनंदपाल के ठिकाने का पता चला था। आनंदपाल को भगाने के बाद आरोपित कहां-कहां गए, किस वारदात में उनका हाथ है, इसे लेकर भी एसओजी पूछताछ कर रही है। 

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