71 Years 71 Stories

नोटबंदी पर अच्छी खबरः डॉक्टर ने पुराने नोट की वजह से नहीं किया इलाज, मरीज के पैसे देने ‘बैंक’ खुद पहुंचा अस्पताल

छगनलाल से आहरण पर्ची पर हस्ताक्षर कराने के बाद उन्हें दो हजार के दो नोटों के साथ 100-100 के नोट के रूप में 20 हजार रुपए दिए।

Nov 19, 2016 / 08:36 pm

balram singh

500 and 2000 Notes

नोटबंदी के बाद लोगों के परेशान होने की खबरें सुनने में आ रही हैं तथा कई बार हमें ये भी सुनने को मिला है कि डॉक्टर ने पुराने नोट की वजह से इलाज करने से मना कर दिया। पुराने नोट की वजह से 2 बच्चों की मौत भी हो चुकी है पर अब जो खबर सुनने में आ रही है उसमें बैंक ने पैसे की कमी से मरीज को खतरा नहीं होने दिया।
खंडवा में एक मरीज के इलाज को करने से डॉक्टर ने ने मना कर दिया। मरीज को इलाज की सख्त जरूरत थी पर पैसे की कमी से नहीं हो पा रहा था। बैंक अधिकारियों ने अस्पताल पहुंच कर ऑपरेशन से पहले मरीज को 24 हजार रुपए सौंपे।
बता दें कि बाहेती कॉलोनी निवासी निर्मलाबाई ने शुक्रवार को बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा बैंक मैनेजर प्रदीप यादव को बताया कि उसके पति छगनलाल का खाता इसी बैंक में है। वे पानी भरते समय गिर गए थे। कूल्हे की हड्डी टूटने के कारण निजी नर्सिंग होम में भर्ती हैं। इलाज के लिए करीब 40 हजार रुपए की आवश्यकता पड़ रही है।
बैंक ने आरबीआई के नियमों का हवाला देते हुए इतनी राशि देने से इनकार कर दिया। हालांकि एक बार में 24 हजार रुपए देने पर सहमति जताई लेकिन आहरण पर्ची पर खाताधारक के हस्ताक्षर होना आवश्यक थे। ऐसे में बैंक मैनेजर प्रदीप यादव व मार्केटिंग हेड संतोष शर्मा ने नर्सिंग होम पहुंच गए।
पड़ावा स्थित निजी नर्सिंग होम में बैंक अधिकारी नोट लेकर पहुंचे तो स्ट्रेचर पर लेटे छगनलाल के चेहरे पर चमक आ गई। छगनलाल से आहरण पर्ची पर हस्ताक्षर कराने के बाद उन्हें दो हजार के दो नोटों के साथ 100-100 के नोट के रूप में 20 हजार रुपए दिए। 

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