रायपुर. आयकर विभाग वेतन और मजदूरी का भुगतान ब्लैकमनी से करने वाले कारोबारियों पर शीघ्र ही शिकंजा कसेगी छानबीन के दौरान निजी सेक्टरों के चार दर्जन से अधिक संचालकों के इसमें शामिल होने इनपुट मिले है। नोटबंदी लागू होने के बाद औद्योगिक इलाके में कार्यरत मजदूरों और कर्मचारियों को लाखों रुपए वितरीत किया गया था। इसे खपाने के लिए उन्हें अग्रिम राशि तक का भुगतान किया गया। इसके एवज में उनसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाया गया था। सूचना के आधार पर आयकर विभाग ने गोपनीय रूप से इसकी छानबीन कराई थी। इस दौरान उन्हें इसके प्रमाण मिले थे। यह है मामला प्रदेशभर के औद्योगिक इलाके के निवासरत लोगों के द्वारा बैंकों में बड़ी संख्या में ट्रांजेक्शन किए गए। जमकर खरीदारी के साथ ही बुकिंग कराने से सराफा, इलेक्ट्रानिक और घरेलू सामानों की कीमतों में इजाफा देखने को मिला। त्यौहारी मौसम के बाद मंदी के मौसम में भी बाजारों में भीड़ देखने को मिली। इसकी शिकायत आयकर विभाग के भोपाल स्थित मुख्यालय तक पहुंची थी। देशभर से मिल रही शिकायतों को देखते हुए विभागीय अधिकारियों को इसकी जांच करने का निर्देश दिया गया था। बैंकों में भीड़ औद्योगिक इलाके के अधिकांश बैंकों में थोक रकम किश्तों में जमा कराई गई है। इसे जमा करने वालों में निम्न और मध्यम तबके के लोगों की संख्या सबसे अधिक है। नोटबंदी लागू होने के छोटी बैंक शाखाओं और क्षेत्रीय बैंक में उनकी भीड़ देखने को मिली थी। लेकिन, उद्योगपतियों और बड़े कारोबारियों के बैंकों से दूरी बनाकर चल रहे थे। आयकर विभाग ने इसे संज्ञान में लिया था। गौरतलब है आयकर विभाग खपाए गए ब्लैकमनी का ब्यौरा जुटाने के लिए टारगेट में आने वालों की कुल आय और व्यय के ब्यौरे का हिसाब करने में जुटी हुई है।