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चीन पर सीमा विवाद को लेकर विपक्ष ने दिया सरकार का साथ, कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के सवाल पर हैं एकजुट

कश्मीर के हालात पर गृहमंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी राजीव बग्गा ने विपक्षी नेताओं को अवगत कराया। उन्होंने अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले का ब्योरा देते हुए कहा कि इस तरह के हमले विदेशी तत्वों की ओर से कराए जाते हैं।

Jul 14, 2017 / 11:12 pm

पुनीत कुमार

EAM Sushma Swaraj

सराकर ने शुक्रवार को चीन के साथ सीमा पर तनाव और कश्मीर में मौजूदा हालात के साथ मामले में उसकी ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी विपक्ष को दी। सरकार ने संसद के मानसून सत्र से पूर्व इन दोनों मुद्दों पर विपक्षी दलों के नेताओं को जानकारी देने के लिए यहां गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर इन दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक में विदेश सचिव एस जयशंकर ने सिक्किम क्षेत्र में सीमा पर पिछले कुछ दिनों से चीन के साथ चल रहे तनाव के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। 
उन्होंने राजनीतिक दलों के नेताओं को बताया कि चीन भूटान के डोकलाम क्षेत्र में कब्जा कर रहा था। इस पर भूटान के अनुरोध पर भारत ने उसके साथ सुरक्षा समझौते अनुरूप चीनी सैनिकों को रोका। भारतीय सेना यदि ऐसा नहीं करती तो भविष्य में चीन उस क्षेत्र में भारत के लिए बड़ा खतरा बन सकता था। कश्मीर के हालात पर गृहमंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी राजीव बग्गा ने विपक्षी नेताओं को अवगत कराया। उन्होंने अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले का ब्योरा देते हुए कहा कि इस तरह के हमले विदेशी तत्वों की ओर से कराए जाते हैं। सरकार की ओर से भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। 
अन्ना द्रमुक के राज्यसभा सांसद नवनीत कृष्णन ने बैठक से निकलने के बाद संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने श्रीलंका की नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को परेशान किए जाने और उन्हें पकड़े जाने का मुद्दा उठाया और श्रीलंका के साथ चीन के संबंधों की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने सरकार से श्रीलंका के साथ मछुआरों के मामलों को कड़ाई से उठाने और उसके साथ कोई ढिलाई नहीं बरतने का अनुरोध किया। 
तो वहीं इस बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री अरुण जेटली, राज्यसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और आनन्द शर्मा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी, केन्द्रीय मंत्री एवं लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान और केन्द्रीय मंत्री एवं तेलगु देशम पार्टी के नेता वाई एस चौधरी के अन्य दलों के नेता मौजूद थे।
बैठक में विपक्षी दलों ने सरकार को आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दे पर वे उसके साथ एकजुट हैं और कहा कि ऐसे मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। तो वहीं चीन के साथ सीमा पर तनाव को राजनयिक माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और सरकार से कहा कि खुफिया जानकारी के बावजूद सुरक्षा में यह चूक कैसे हुई इसका पता लगाया जाना चाहिए। 
संसद के मानसून सत्र से पहले इन दोनों मुद्दों पर विपक्ष को विश्वास में लेने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर बुलाई गई बैठक में रक्षा मंत्री अरूण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सरकार का पक्ष रखा। जबकि भारत सरकार के प्रवक्ता फ्रेंक नरोन्हा ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक में विभिन्न दलों के 19 सांसद शामिल हुए और बाकी बचे दलों के नेताओं के साथ कल भी ऐसी ही बैठक बुलाई गई है।

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