उदयपुर

उस्ताद के बेटे से शावकों को खतरा

रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान से
बाघ टी-24 “उस्ताद” की शिफ्टिंग के बाद अब उसके टेरेटरी में उसका बेटा टी-72
“सुल्तान” अपनी बादशाहत का प्रयास कर रहा है।

उदयपुरMay 21, 2015 / 02:39 am

कमल राजपूत

Udaipur news

उदयपुर। रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान से बाघ टी-24 “उस्ताद” की शिफ्टिंग के बाद अब उसके टेरेटरी में उसका बेटा टी-72 “सुल्तान” अपनी बादशाहत का प्रयास कर रहा है। ऎसे में उस्ताद की साथी बाघिन टी-39 “नूर” के दो नर शावकों को खतरा उत्पन्न्न हो गया है। नूर और सुल्तान के बीच संघर्ष की संभावना से वन विभाग आशंकित है।

ढाई साल का युवा बाघ सुल्तान इसी क्षेत्र में उस्ताद के साथ कई बार नजर आ चुका है। अपने इलाके में मानवीय घुसपैठ होने पर टी-24 ने जो किया, वह अब अन्य बाघ भी कर सकते हैं। इस हकीकत व खतरे को वन विभाग के अधिकारी भी भांप रहे हैं। सुल्तान की भी मां है नूर।

बाघिन टी-39 के दो नर शावक एक-एक वर्ष के हैं और एक साल बाद बड़े हो जाएंगे। ये दोनों मां नूर और बाघ टी-24 उस्ताद के साथ इसी क्षेत्र में विचरण करते थे। सुल्तान की मां भी नूर टी-39 ही है। संभव है सुल्तान ने इसीलिए अभी तक कोई संघर्ष नहीं किया, लेकिन उस्ताद के यहां से शिफ्ट होने के बाद वह अलग टेरेटरी बनाने के लिए उन्हें खदेड़ सकता है। यदि अभी संघर्ष नहीं होता है तो साल भर बाद इस टेरेटरी में सुल्तान के अलावा दो नर शावकों का विचरण भी होगा। तीन नर बाघों के विचरण क्षेत्र में एक-दूसरे पर क्षेत्र का दबाव रहेगा। इस बीच मानवीय दखल से बाघों की हमले की घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस टेरेटरी में गणेश मंदिर, अमरेश्वर, सोलेश्वर, झोझेश्वर आदि धार्मिक स्थल हैं। लोगों की आवाजाही भी खूब रहती है।

ये कहना मुश्किल है कि बाघ टी-24 की शिफ्टिंग से रणथम्भौर अब सुरक्षित हो गया है, लेकिन बाघो की संख्या बढ़ने पर इंसानों पर हमले की घटनाएं होती है। ऎसी स्थिति में इन बाघों को अन्यत्र शिफ्ट करना जरूरी है। जहां तक टी-24 का सवाल इंसानों का मारना उसकी आदत बन चुकी थी। इसलिए तत्कालिक उपाय के रूप में उसे सज्ज्जनगढ़ शिफ्ट करना पड़ा।
– वाई.के. साहू, वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक, रणथम्भौर बाघ परियोजना क्या कहते हैं एक्सपर्ट

ये कहना बिल्कुल गलत होगा कि अब रणथम्भौर में अन्य बाघ द्वारा हमले नहीं किए जाएंगे। जब तक बाघ के क्षेत्र में मानवीय दलख नहीं रूकेगा, तब तक ऎसी घटनाएं होंगी। टी-24 की टरेट्री में बाघ सुल्तान से टी-39 को भी खतरा है।
वी.के. सलवान, पूर्वआईएफएस
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