मांगा था सीवर के पानी से निजात तो मिली थी हवालात, स्कूलों की प्रयोगशाला के सामने बह रहा सीवर. ये है स्वच्छता अभियान का सच…
D.M. clicking photo of garbage
वाराणसी. वैसे तो काशी, ढाई साल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। लेकिन नगर पर 20 साल से कब्जा भाजपा का ही है। शहर की तीनों विधानसभा क्षेत्र के विधायक भाजपा के, मेयर भी भाजपा के। लेकिन गंदगी शायद काशीवासियों की नियति बन गई है। तभी तो ईश्वरगंगी इलाके में 14 साल से बह रहा है सीवर का पानी। लोग इसके लिए धरना प्रदर्शन तक कर चुके। सीवर सफाई की मांग पर हवालात तक जाना पड़ा पर नहीं मिली निजात। इतना ही नहीं स्कूलों में प्रयोगशाला के सामने बह रहा है सीवर का पानी। स्कूल के प्रधानाचार्य एक नहीं कई बार नगर निगम और जिला प्रशासन को पत्र लिख चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं। लेकिन अब ये पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, अब तो कुछ बदलाव आना चाहिए। लेकिन नहीं। ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा कि स्थानीय प्रशासन को पीएम के रसूख का भी कोई खय़ाल है।
ईश्वरगंगी नई बस्ती
घर से निकलना मोहाल, लॉन तक में नहीं बैठ सकते ईश्वरगंगी इलाके के निवासी और कमलाकर चौबे आदर्श इंटर कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य अमर नाथ चौबे कहते हैं भाई कुछ तो करो। हम लोगों का तो घर से निकलना ही मुश्किल हो गया है। लॉन हो या बालकनी कहीं बैठने लायक नहीं। चौबे ने पत्रिका संवाददाता से कहा ये मुश्किल आज की नहीं। ये तो कैंसर हो गया है। 2002 से इस मोहल्ले में लगातार सीवर बहता रहता है। एक बार मोहल्ले वालों ने धरना-प्रदर्शन किया तो उन्हें हवालात में डाल दिया गया। वह पूछते हैं क्या हमलोग सीवर टैक्स, हाउस टैक्स, वाटर टैक्स नहीं देते। देते हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं। इधर बीच तो समझ ही नहीं आ रहा कि कहां पैर रख कर निकलें घर से। यही कहना है उनके पड़ोसी आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के प्राध्यापक सत्येंद्र चौबे का। यहीं रहते हैं काशी के प्रमुख साहित्यकार डॉ जितेंद्र नाथ मिश्र। लेकिन ये सभी मजबूर हैं। पूर्व प्रधानाचार्य चौबे बताते हैं कि दरअसल सीवर की पाइप लाइन ही इतनी पतली है कि वह इतने सारे मकानों का लोड संभाल नहीं पा रही। और नगर निगम के पास शायद सीवर लाइन बदलने के लिए धन नहीं। विधायक श्यामदेव राय चौधरी से कहा गया। आश्वासन के सिवाय कुछ हासिल न हुआ।
ईश्वरगंगी नई बस्ती-जैतपुरा मार्ग
यहीं पास में है पौराणिक महत्व वाला ईश्वरगंगी तालाब इसी इलाके में है पौराणिक महत्व वाला ईश्वरगंगी तालाब। वो तालाब जहां हर पर्व-त्योहार पर लगता है मेला। अभी ललही छट को जुटीं थीं महिलाएं। धार्मिक नगरी में ऐतिहासिक चित्रकूट रामलीला का शुभारंभ यहीं से होता है। इसी तालाब में भगवान श्री राम और केवट संवाद होता है। अयोध्या से वन गमन यहीं से होता है। उस लीला का नाम है ‘घंडइल’। कुछ ही दिनों में यह मेला लगने वाला है। लेकिन नगर निगम को इसकी सुध नहीं। यह इलाका है स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व पूर्व राज्यपाल त्रिभुवन नारायण सिंह का।
अब इसे शामिल किया गया है हृदय योजना में लोगों का कहना है कि सुना है मोहल्ले को शामिल किया गया है हृदय योजना में। आस बंधी है कि कुछ होगा। लेकिन इस बारिश में लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। लोगों का कहना है कि जल्द इसका उपाय न हुआ तो पूरा इलाका संक्रामक रोग की चपेट में होगा। महामारी फैल सकती है। पर इसकी परवाह नगर निगम या जिला प्रशासन को नहीं। हृदय योजना कब लागू होगी, कब काम शुरू होगा। अरे पहले सीवर का ओवर फ्लो तो बंद करा दें। चलने लायक, रहने लायक तो हो जाए।
सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज की पीड़ा कुछ और है सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ विश्वनाथ दुबे बताते हैं कि कमच्छा-भेलूपुर सड़क चौड़ी करने के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण व जिला प्रशासन ने उनकी जमीन ले ली। वाराणसी विकास समिति ने इसकी मध्यस्तता की थी। तब कहा गया था कि वीडिए कॉलेज की सीवर लाइन दुरुस्त कराएगा, चहारदीवारी बनवाएगा, खेल का मैदान ठीक करेगा। पावर हाउस से सटी चहारदीवारी तो बनी लेकिन बाकी काम नहीं हो सका। लिहाजा कॉलेज की प्रयोगशाला के सामने सीवर बहता रहता है। नगर निगम से कहा, वीडिए के अफसरों से कहा पर कोई सुनवाई नहीं। अपना तो काम हो गया कॉलेज की जमीन ले ली लेकिन बदले में अपना वादा भी नहीं निभाया। लहंगपुरा-लल्लापुरा मार्ग
लल्लापुरा-लहंगपुरा का बुरा हाल उधर लल्लापुरा-लहंगपुरा का बुरा हाल है। जब से बारिश का मौसम आया है अक्सर सीवर जाम। सीवर का पानी सड़क पर। पिछले दिनों नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। लेकिन तब जलकल के एक्सीएन ने कहा था कि जलनिगम के ब्लाकेज के चलते सीवर समस्या खड़ी हुई, अब जल निगम ने ब्लाकेज हटा लिया है। लिहाजा सब ठीक हो जाएगा। लेकिन कुछ नहीं हो रहा। पीक ऑवर में इस रास्ते से गुजरना मुश्किल है।
पीलीकोठी के लोग काले पानी की सजा काट रहे उधर पीलीकोठी के लोग काले पानी की सजा काटने को मजबूर है। तकरीबन 10 दिन हो गया। पीलीकोठी नेशनल इंटर क़ॉलेज के पास दोनों तरफ काला पानी जमा है वह भी घुटने तक। इसकी सूचना, फोटो, वीडियो तक प्रशासनिक अफसरों को दी गई पर कोई सुनवाई नहीं। एक बहाना गंगा में बाढ़ आई है। बाढ़ का पानी नीचे निकले तो सीवर लाइन की सफाई हो।
कमिश्नर के बाद अब डीएम ने दी जेल भेजने की चेतावनी शहर की गंदगी से जिले के आला अफसरों के नाक में दम हो चुका है। पिछले शनिवार को कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने नगर निगम के अधिकारियों को सीवर ओवर फ्लो, कूड़ा उठान पर नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी को तीन दिन की मोहलत देते हुए चेताया था कि शहर साफ न हुआ तो जेल भेज दिया जाएगा। परिणाम शिफर। अब सोमवार को डीएम विजय किरन आनंद ने मोटरसाइकिल पर नगर निगम के तहसीलदार अविनाश को बिठा कर नगर का भ्रमण किया। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को शहर की सफाई व्यवस्था को चाक-चौबन्द रखने तथा नियमित कूड़ा उठान सुनिश्चित कराने की कड़ी हिदायत दी है। दुर्गाकुण्ड स्थित कबीर नगर कालोनी के पार्क में आवास विकास परिषद् द्वारा कई वर्षो से अपना स्टोर बनाये जाने तथा पार्क में अनाधिकृत रूप से रह रहे लोगो सहित आवास विकास परिषद् के अधिकारी को पार्क खाली करने को तीन दिन की मोहलत दी। कहा कि तीन दिन में पार्क खाली नही होता, तो जिम्मेदार अधिकारी को जेल भेजा जायेगा।