scriptyoungest zila parmukh of state were so hated to politics | प्रदेश की सबसे युवा जिला प्रमुख राजनीति से इसलिए करती थीं नफरत, इस फोन ने बदली सोच | Patrika News

प्रदेश की सबसे युवा जिला प्रमुख राजनीति से इसलिए करती थीं नफरत, इस फोन ने बदली सोच

locationजयपुरPublished: Jan 12, 2016 03:37:14 pm

Submitted by:

vishwanath saini

कभी राजनेताओं के भाषणों पर हंसने वाली अपर्णा रोलन की सोच एक फोन ने बदल दी थी और वे बन गईं जिला प्रमुख। उनकी दिल की बात पढ़ें उन्हीं की जुबानी।

कभी राजनेताओं के भाषणों पर हंसने वाली आज खुद राजनैतिक सभाओं को संबोधित करती है। हम बात कर रहे है प्रदेश की सबसे युवा जिला प्रमुख अपर्णा रोलण की। बकौल, अपर्णा मैं राजस्थान विश्वविद्यालय में अच्छे से पढ़ाई कर रही थी। एक दिन पापा का फोन आया कि बेटा, राजनीति के जरिए भी देश सेवा की जा सकती है। पहली बार तो मना कर दिया, लेकिन जब पापा ने दुबारा फोन कर यही सवाल पूछा तो हां कर दिया।

उस रात नींद नहीं आई और सोचती रही कि आखिर मैं सब कैसे मैनेज करूगी। जैसे-तैसे नामांकन भर दिया और परिजनों के साथ पूरी मेहनत की तो जीत भी गई। फिर लगा कि अब आराम से जयपुर जाकर पढ़ाई करूगी लेकिन पार्टी ने शिक्षित होने के कारण जिला प्रमुख का दावेदार घोषित कर दिया और यहां भी जीत मिली।

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इसके बाद तो पूरी दिनचर्या ही बदल गई। सुबह से घर पर मिलने वालों की भीड़ और दफ्तर जाओ तो फाइल-फाइल। शुरूआत में तो लगा कि आखिर फंस गई। लेकिन फिर सोचा कि जब इस राह पर निकल पड़े है तो मेहनत करें। उनका कहना है कि एक महीने की कठिन मेहनत के बाद सब कुछ आसान हो गया।

लोग नाराज होते है तो बहुत बुरा लगता है

जिला प्रमुख बताती है कि गांव-ढाणियों के दौरे अब रोज आते है। इस दौरान कई पीडि़त मिलते और वह सहायता के हकदार भी होते है। लेकिन जिला प्रमुख के पास एेसा कोई बजट नहीं होता। एेसे वक्त मन को बहुत पीड़ा होती है।

और छूट गए सब शौक

जिला प्रमुख फिलहाल राजस्थान विवि से विजुअल आर्ट में एमए कर रही है। उनको पैटिंग, राइफल शूटिंग व फोटोग्राफी का बेहद शौक है। वह बताती है कि सबसे अच्छा पल एनसीसी कैडेट रहते हुए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को सलामी देना रहा।
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