अफ्रीका

मौत का समुद्र पार करने के चक्कर में 3 साल में 8500 लोगों की मौत

संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2015 से अब तक भूमध्य सागर पार करने के कोशिश में 8500 लोग या तो मारे गए या लापता हो गए

Sep 02, 2017 / 05:05 am

Chandra Prakash

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2015 से अब तक भूमध्य सागर पार करने के कोशिश में 8500 लोग या तो मारे गए हैं या लापता हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) की ओर से ‘द गार्जियन’ के हवाले से जारी आंकड़ों के मुताबिक, यूरोप के तटों पर पहुंचने के प्रयास में सितंबर 2016 से अब तक 4337 शरणार्थी भूमध्यसागर में डूब गए। इनमें से अधिकांश की मौत लीबिया से इटली, तुर्की से यूनान और मोरक्को से स्पेन जाने के दौरान हुई है।
इससे पहले एक सितंबर 2015 से अगस्त 2016 के बीच भूमध्यसागर पार करने की कोशिश में अन्य 4185 शरणार्थियों की मौत हुई थी।


ये आंकड़े तीन वर्षीय मासूम सीरियाई बच्चे अलन खुर्दी की दूसरी बरसी पर जारी किए गए हैं। बच्चे की मौत के बाद ‘द काइट रनर’ के लेखक ने ‘सी प्रेयर’ नाम की छोटी कहानी लिखी, जिसमें एक सीरियाई पिता नाव से भूमध्यसागर पार करते वक्त समुद्र से अपने बच्चे को सुरक्षित रखने की गुहार लगाता है।

लीबिया के रास्ते यूरोप जाने वाले मार्ग पर कठोर नीति अपनाने एवं तुर्की-ग्रीस मार्ग पर प्रतिबंध लगाने से शरणार्थियों को मोरक्को से स्पेन मछली मारने वाली नौकाओं से जिब्राल्टर जलडमरू मध्य के मार्ग से जाना पड़ रहा है, जिससे सैकड़ों लोगों की जान पर खतरा बना रहता है।

शरणार्थी एजेंसी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से ऐसी मौतों को रोकने के लिए उपाय करने का आग्रह किया है। साथ ही एजेंसी ने कहा है कि अगर सीरिया जैसे देशों में खराब स्थिति बनी रहती है तो लोग यूं ही खतरनाक यात्राएं कर अपनी जिंदगी जोखिम में डालते रहेंगे।

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