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सूडान: विमेंस डे पर महिलाओं को तोहफा, राष्ट्रपति बशीर ने दिया प्रदर्शनकारियों की रिहाई का आदेश

locationनई दिल्लीPublished: Mar 09, 2019 02:40:59 pm

– सूडान में वूमेंस डे पर महिलाओं को तोहफा- राष्ट्रपति बशीर ने दिया प्रदर्शनकारियों की रिहाई का आदेश- सभी महिला बंदियों की रिहाई का आदेश- रोटी की कीमतों को लेकर निशाने पर हैं बशीर

 Omar al-Bashir

सूडान: वूमेंस डे पर महिलाओं को तोहफा, राष्ट्रपति बशीर ने दिया प्रदर्शनकारियों की रिहाई का आदेश

खार्तूम। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन सूडान ने सैकड़ों महिलाओं को बड़ी राहत दी है। राष्ट्रपति बशीर ने सैकड़ों महिला प्रदर्शनकारियों की रिहाई का आदेश जारी किया। ये महिलाएं दिसंबर से ही राष्ट्रपति बशीर के शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। सूडान के राष्ट्रपति उमर अल-बशीर ने देशव्यापी प्रदर्शनों के दौरान हिरासत में लिए गए सभी महिला प्रदर्शनकारियों की रिहाई का आदेश दिया है। इन प्रदर्शनों ने दिसंबर से उनके शासन को हिला दिया है।

महिला प्रदर्शनकारियों की रिहाई का आदेश

राष्ट्रपति बशीर ने शुक्रवार को पूर्वी सूडान के लोगों के एक समूह के साथ खार्तूम में अपने आवास पर एक बैठक के दौरान यह घोषणा की। बशीर ने बैठक में शक्तिशाली नेशनल इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी सर्विस (NISS) के प्रमुख का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने सलाहा घोष को सभी महिला बंदियों को रिहा करने का आदेश दिया है।” राष्ट्रपति के मीडिया कार्यालय ने भी इस कदम की पुष्टि की। गौरतलब है कि यह नई घोषणा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन की गई है। हालांकि अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान कितनी महिलाओं को हिरासत में लिया गया है, लेकिन विपक्षी कार्यकर्ताओं का कहना है कि लगभग 150 महिलाएं अलग-अलग आरोपों के चलते हिरासत में हैं। आपको बता दें कि रोटी के दाम को तिगुना करने के सरकारी फैसले के बाद सूडान में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों, विपक्षी नेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को हिरासत में लिया गया है।

वूमेंस डे पर महिलाओं को तोहफा

आपको बता दें कि बशीर के शासन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों में तेजी से इजाफा हुआ है। भीड़ इस दिग्गज नेता से पद छोड़ने की मांग कर रही है। बशीर ने खुद स्वीकार किया है कि कई विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं।अधिकारियों का कहना है कि विरोध संबंधी हिंसा में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि ह्यूमन राइट्स वॉच ने मरने वालों की संख्या कम से कम 51 बताई है।

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