शपथ ग्रहण से पहले इमरान खान के लिए अच्छी खबर, इन दो पार्टियों ने किया समर्थन का ऐलान विपक्ष ने जताया असंतोष एमर्सन मैनगाग्वा ने 50.8 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं । वोटों की गिनती के समय विपक्षी पार्टी के सदस्यों को कमरे से बाहर निकाल दिया गया था। विपक्ष ने इन परिणामों पर असंतोष जताते इन्हें स्वीकार नहीं किया है। बुधवार को विपक्षी समर्थकों और सुरक्षा अधिकारियों के बीच संघर्ष के दौरान कम से कम छह व्यक्तियों की मौत हो गई थी। जबकि एमर्सन मैनगाग्वा ने हिंसा की स्वतंत्र जांच की मांग की थी। संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम ने इस हिंसा पर चिंता व्यक्त की है।
गुरुवार सुबह चुनाव कार्यालय के बाहर दंगा नियंत्रण पुलिस तैनात की गई थी।इसके अलावा विपक्षी एमडीसी के मुख्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था । जिम्बाब्वे गणराज्य पुलिस के प्रवक्ता चैरिटी चरम्बा ने पुष्टि की कि 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कहा कि हरारे में हिंसा को उकसाने के सिलसिले में कुल 26 व्यक्ति हिरासत में लिए गए थे। राष्ट्रपति एमर्सन मैनगाग्वा ने बुधवार की हिंसा के लिए विपक्षी गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।
चुनावों पर विवाद की छाया राष्ट्रपति पद के दावेदार दोनों ही नेता अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे थे। विपक्षी एमडीसी के नेता तेंदई बिटी ने दावा किया था कि असल में पार्टी नेता नेल्सन चमीसा ने राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया है और आरोप लगाया कि जानबूझकर गलत तरीके से एमर्सन मैनगाग्वा को विजयी घोषित कर दिया गया। बता दें कि जिमबाब्वे में सोमवार को चुनाव हुए थे।
अपने पूर्व प्रचारक के बचाव में आए राष्ट्रपति ट्रंप, ट्रायल के दौरान किया ट्वीट मुगावे के खिलाफ सैन्य विद्रोह के बाद मैनगाग्वा ने जानू पीएफ पार्टी पर कब्जा कर लिया था। राबर्ट मुगावे 1987 से जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रहे थे। हालांकि कई लोग अब भी मैनगाग्वा को मुगाबे के आदमी मानते हैं क्योंकि उन्होंने 40 से अधिक वर्षों तक पूर्व तानाशाह की सेवा की है।