दक्षिण अफ्रीका : जैकब जुमा तैयार नहीं हैं इस्तीफे के लिए, पार्टी और उपराष्ट्रपति रामाफोसा ने बढ़ाया दबाव
राष्ट्रपति पद के दावेदार और वर्तमान उपराष्ट्रपति सीरिल रामाफोसा ने कहा है कि जल्द ही बातचीत नतीजे तक पहुंच जाएगी।

जोहानिसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति पर भ्रष्टाचार के आरोप के कारण अफीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) ने उनसे इस्तीफा मांगा था। उनके इस्तीफे पर बातचीत के लिए शनिवार को बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन लंबी बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। इससे दक्षिण अफ्रीका में राजनीतिक संकट गहराता लग रहा है। सूञों के हवाले से आ रही खबर से पता चला है कि राष्ट्रपति जुमा इस्तीफा देने को तैयार नहीं है।
उपराष्ट्रपति ने कहा बातचीत जल्द पूरी हो जाएगी
हालांकि राष्ट्रपति पद के दावेदार और वर्तमान उपराष्ट्रपति सीरिल रामाफोसा ने कहा है कि जल्द ही बातचीत नतीजे तक पहुंच जाएगी। इस गतिरोध की वजह से इस हफ्ते होने वाले कई सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। इनमें गुरुवार को होने वाला संसद का संबोधन भी शामिल है। जुमा ने सप्ताहांत के अपने सारे काम निपटा दिए हैं, लेकिन रामाफोसा नेल्सन मंडेला के जन्म के सौ साल पूरे होने मौके पर एक साल तक चलनेवाले समारोह की शुरुआत करने के लिए शहर में रविवार को एक रैली को संबोधित करेंगे। मालूम हो कि 11 फरवरी को ही 1990 में नेल्सल मंडेला को जेल से रिहा किया गया था। यह अफ्रीका से रंगभेद खत्म कर आधुनिक दक्षिण अफ्रीका के लिए बेहद अहम तारीख है।
जुमा 2009 में बने थे राष्ट्रपति
75 वर्षीय जुमा ने 2009 में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति का पद संभाला। भ्रष्टाचार के कई आरोपों, आर्थिक गिरावट और रिकार्ड बेरोजगारी के बावजूद वह सत्ता से चिपके रहे हैं।
अफ्रीकी मीडिया में लग रहे हैं कयास
दक्षिण अफ्रीका की एक न्यूज वेबसाइट के अनुसार सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जैकब जुमा और सिरील रामफोसा 48 घंटे के भीतर राष्ट्रपति के पद छोड़ने के बारे में अपनी चर्चा पूरी कर लेंगे और इस चर्चा से निकले निर्णय के बारे में जल्द ही पूरे देश को इस बता दिया जाएगा। वहीं जोहानिसबर्ग स्थित विट्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुसैन बूयसेन का मानना है कि अपनी सत्ता बचाने के लिए जैकब जुमा कुछ और दिन तक संघर्ष कर सकते हैं, क्योंकि रामाफोसा इसके लिए निर्णायक संघर्ष के लिए शायद तैयार नहीं होंगे। जबकि अधिकतर कुछ राजनीतिज्ञ विशेषज्ञों का मानना है कि जैकब जुमा अब ज्यादा दिन तक राष्ट्रपति पद पर बरकरार नहीं रह पाएंगे, क्योंकि उन्हें खुद अपनी पार्टी अफीकी नेशनल कांग्रेस समर्थन नहीं है।
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