scriptजिम्बॉब्वे: हरारे में रॉबर्ट मुगबे के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, कहां जल्द दें इस्तीफा | Protest against mugabe in harare protesters say Mugabe quit now | Patrika News

जिम्बॉब्वे: हरारे में रॉबर्ट मुगबे के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, कहां जल्द दें इस्तीफा

locationनई दिल्लीPublished: Nov 19, 2017 11:43:29 am

Submitted by:

Prashant Jha

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जिम्बॉब्वे लंबे समय से राजनीतिक पीड़ा सह रहा था। लेकिन तख्तापलट के बाद यहां शांति लौटी है।

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हरारे: जिम्बॉब्वे में तख्तापलट के बाद पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के खिलाफ लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हज़ारों की तादाद में लोग हरारे की सड़कों पर बैनर पोस्टर लेकर एक जुट हुए और मुगाबे गो बैक के नारे लगाते हुए इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने मुगाबे के दफ्तर से घर तक पैदल मार्च निकालकर विरोध जताया। विपक्षी नेता मॉर्गन चैनगिराई ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। जिसका लोगों ने स्वागत किया। प्रदर्शनकारियों ने तत्काल रूप से मुगाबे को इस्तीफा देने की मांग की।
हरारे में हालात तनावपूर्ण

राजनीतिक उथल पुथल के बाद हरारे में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। चप्पे-चप्पे पर सेना तैनात है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जिम्बॉब्वे लंबे समय से राजनीतिक पीड़ा सह रहा था। लेकिन तख्तापलट के बाद यहां शांति लौटी है।
सेना प्रमुख से होगी मुलाकात

ज़िम्बाब्वे के सरकारी मीडिया का कहना है मुगाबे रविवार को सेना प्रमुखों से मुलाकात करने वाले हैं। सेना का कहना है कि बातचीत के नतीजों के बारे में ‘जल्द से जल्द’ जानकारी देगी।
उपराष्ट्रपति को हटाने से बढ़ा विवाद

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह मुगाबे ने अपने डिप्टी और उपराष्ट्रपति इमरसन मनंगावा को हटा दिया था । इसके पीछे बताया गया था कि अपनी पत्नी ग्रेस मुगाबे को उपराष्ट्रपति बनाना चाहते हैं। इसको लेकर मचे बवाल के बाद सेना ने दखल दी और सत्ता को अपने हाथ में लेते हुए मुगाबे को नज़रबंद कर दिया।
कैथोलिक पादरी ने मध्यस्थता की कोशिश की

हालांकि हरारे के कैथोलिक पादरी ने 93 साल के पूर्व शीर्ष नेता मुगाबे को बाहर निकालने के लिए मध्यस्थता भी की। पादरी प्रधान मंत्री फिदेलिस मुणोरी राष्ट्रपति मुग्बे और सेना के बीच मध्यस्थता भी किए। साथ ही दक्षिण अफ्रीका के रक्षा मंत्री भी राजनीतिक स्थिरता लाने के लिए राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे और सेना के जनरलों से मुलाकात की। बताते चले कि जिंबाब्वे के 1980 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से ही रॉबर्ट मुगाबे इस देश का नेतृत्व कर रहे हैं।
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