सरकारी टीवी चैनल द्वारा प्रसारित एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति रविवार को सेना के कमांडरों से मिलने वाले थे। सैन्य कमांडरों ने बीते हफ्ते सत्ता अपने हाथों में ले ली थी। सेना के पांच दिन पहले सत्ता संभालने के बाद यह दूसरी बार आमना-सामना है। संसद में अगले सप्ताह महाभियोग की कार्रवाई शुरू होने की संभावना है। गार्जियन ने सेना के करीबी सूत्रों के हवाले से कहा कि राष्ट्रपति ने एक कैथोलिक पादरी व आजीवन मित्र से जनरलों के साथ वार्ता के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए कहा है।
इससे पहले मुगाबे ने इसी तरह की मध्यस्थता के प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। मुगाबे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए जिम्बाब्वे के हजारों लोग शनिवार को सड़कों पर उतर आए। प्रथम महिला को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुगाबे को हटाने के फैसले की घोषणा का स्वागत हो रहा है, हालांकि इस कदम को अभी औपचारिक रूप दिया जाना है। इस फैसले से मुगाबे पर फिर से दवाब बढ़ गया है। अब उन पर राष्ट्रपति के तौर पर महाभियोग चलाने का कदम उठाया जाना है।