अगार मालवाPublished: Jul 16, 2018 12:46:35 am
Lalit Saxena
जिले के सैकड़ों गांवों में मौजूद बिना मुंडेर के कुंए एवं खुले बोरवेल किसी गंभीर हादसे का कारण बन सकते हैं।
जिले के सैकड़ों गांवों में मौजूद बिना मुंडेर के कुंए एवं खुले बोरवेल किसी गंभीर हादसे का कारण बन सकते हैं।
आगर-मालवा. जिले के सैकड़ों गांवों में मौजूद बिना मुंडेर के कुंए एवं खुले बोरवेल किसी गंभीर हादसे का कारण बन सकते हैं। जिले में कई स्थानों पर खुलेआम ऐसे कुए बड़ी आसानी से देखे जा सकते हैं। बगैर मुंडेर वाले कुओं के संबंध में कई तरह के नियम कायदे बनाए जा चुके हैं लेकिन ये सभी नियम सिर्फ कागजों में ही सिमट जाते है। धरातल पर आज भी सैकड़ों कुए गांव-गांव में बगैर मुंडेर के दिखाई देते हैं।
प्रतिवर्ष बारिश के पूर्व पटवारियों द्वारा ऐसे कुओं को चिह्नित किया जाता है जिन पर कोई मुंडेर न हो लेकिन मुंडेर बनवाने के संबंध में कोई पहल नहीं की जाती है। जवाबदार देखकर अनजान बन जाते हैं। सड़क के किनारे हो या फिर गांव में बारिश के दिनो में बगैर मुंडेर वाले कुए खुलेआम हादसों को आमंत्रित करते हुए दिखाई देते हैं। बारिश के दिनों में इन कच्चे कुओं में पानी भरा जाने पर ये खतरनाक स्थिति में पहुंच जाते हैं। ठीक इसी प्रकार के हालात खुले बोरवेल को लेकर भी हैं।
बोरवेल को लेकर ये हैं नियम
खुले बोरवेल के कारण घटित होने वाली घटनाओं के संदर्भ में बने नियमों के अनुसार रहवासी क्षेत्र में जिस स्थान पर बोरवेल खनन किया जा रहा हा,े उस स्थान के चारों ओर समुचित तार बंदी एवं सीमेंट कांक्रीट का मजबूत चबूतरा एवं बोरवेल के केसिंग पर मजबूत लोहे का ढक्कन लगाने के साथ-साथ वछिंत जानकारी युक्त सूचना पटल लगाना अनिवार्य होगा। ऐसे ही निर्देश बिना मुंडेर वाले कुओं के लिए भी लागू है। लेकिन इस संबंध मे दिशा निर्देशों का पालन कही भी नहीं किया जा रहा है।
गड्ढे भी बनेंगे जानलेवा
कुंओं व खुले बोरवेल से तो खतरा है ही साथ ही जगह-जगह खुले पड़े गड्ढों से भी खतरा मंडराता रहता है। सड़क किनारे व गांव में अन्य किसी कार्य के लिए खोदे गए गड्ढे भी हादसे का सबब बन सकते हैं, जिनकी ओर जवाबदारों का कोई ध्यान नहीं है।
खुले बोरवेल, बगैर मुंडेर वाले कुए एवं अनुपयोगी गड्ढों के संबंध में पटवारियों को दिशा-निर्देश दिए जाएंगे तथा ग्राम पंचायत के माध्यम से कार्रवाई करवाई जाएगी।
महेंद्रसिंह कवचे, एसडीएम आगर