scriptआखिर किस मजबूरी में चालू लाइन में काम कर रहे हैं ये बिजलीकर्मी | After all, what are the compulsions that are working in the current li | Patrika News

आखिर किस मजबूरी में चालू लाइन में काम कर रहे हैं ये बिजलीकर्मी

locationअगार मालवाPublished: Jun 23, 2019 12:38:32 am

Submitted by:

Ashish Sikarwar

बिजली व्यवस्था सुचारू रखने के लिए दबाव इतना अधिक बन चुका है कि बारिश के दिनों में बिजली लाइन में आने वाले फॉल्ट को दुरस्त करने के लिए जान जोखिम में डालते हुए कार्यकर रहे हैं।

patrika

बिजली व्यवस्था सुचारू रखने के लिए दबाव इतना अधिक बन चुका है कि बारिश के दिनों में बिजली लाइन में आने वाले फॉल्ट को दुरस्त करने के लिए जान जोखिम में डालते हुए कार्यकर रहे हैं।

आगर-मालवा. बिजली व्यवस्था सुचारू रखने के लिए दबाव इतना अधिक बन चुका है कि बारिश के दिनों में बिजली लाइन में आने वाले फॉल्ट को दुरस्त करने के लिए जान जोखिम में डालते हुए कार्यकर रहे हैं। गत् वर्ष भी रमजान एवं अन्य कारणों के चलते मानसून पूर्व किया जाने वाला मेंटेनेंस नहीं हो पाया था। इस वर्षभी मानसून पूर्व मेंटेनेंस कार्यविविकं पूर्ण रूप से नहीं कर पाई। इन्स कारण आए दिन लाइन फॉल्ट होने लगी। बिजली आपूर्ति बाधित होने पर मच रहे होहल्ले के कारण बिजली कर्मचारियों पर दबाव इतना अधिक बन गया कि फॉल्ट सुधारने के लिए भी वो परमिट लिए बिना ही कार्यकरने को मजबूर है।
बिजली व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए बारिश पूर्व मेंटेनेंस कार्य किया जाता है लेकिन आचार संहिता के दौरान यह कार्य नहीं किया गया। सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों ने बिजली की अघोषित कटोती को लेकर अधिकारियों पर दबाव बनाया इसके चलते हालात यह है कि अब जिस क्षेत्र में फॉल्ट आता हैए उस क्षेत्र की व्यवस्था को सुधारने के लिए फीडर से बिजली बंद नहीं की जाती है। संबंधित क्षेत्र की बिजली व्यवस्था दुरस्त करने के लिए कर्मचारी चालू लाइन मे ही कार्य करते है। गत् दिवस मास्टर कालोनी क्षेत्र के एक ट्रांसफार्मर में खराबी आने के कारण मास्टर कालोनी क्षेत्र की बिजली गुल हो गई थी जब कर्मचारियों ने देखा तो ट्रांसफार्मर बदलने जैसी स्थिति मे था लेकिन फीडर से बिजली व्यवस्था बंद नहीं किए जाने के आदेश भी थे। ऐसी दशा में कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालते हुए चालू लाइन मे ही कालोनी के ट्रांसफार्मर को दुरुस्त किया।
चालू लाइन में कर्मियों ने बदले पोल
शनिवार को भी विविकं के कर्मचारियों का हौसला देखने काबिल था। प्रतिदिन आ रहे फाल्ट से परेशान कर्मचारियों ने इसकी मूल वजह को खोज निकाला। लालगड्डा क्षेत्र में हाईटेंशन लाइन के तार एक पेड़ की डाली से टकरा रहे थे और इसके कारण बार-बार शहर में बिजली ट्रिप हो रही थी। जब शनिवार को फॉल्ट के कारण पेड़ में आग लगी तो कर्मचारी मौके पर पहुंचे। लाईन बंद भी नहीं करना थी और व्यवस्था भी सुधारना थी। दोनो चुनौती कर्मचारियों के सामने थी। कर्मचारियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए सहायक यंत्री पीयूष जैन के नेतृृत्व में कार्यकरना आरंभ किया। पहले तो लाईन को बायपास करने की व्यवस्था जुटाईगई लाईन को बाईपास कर पेड़ की टहनियां काटी गई। वहीं लटक रहे बिजली पोल को भी सुधारा गया।
व्यवस्था सुचारू रखने के हैं निर्देश
जब कर्मचारियों से इस संबंध में चर्चा की गईतो उन्होने बताया कि बिजली सरप्लस है लेकिन बारिश के दिनो में फाल्ट भी आ जाते है। लाईन फाल्ट पहले भी हुआ करती थी और अब भी हो रही है पर अब दबाव अधिक बन चुका है। इसके कारण हम लोगों को हमारी जान जोखिम में डालना पड़ रही है। मेंटेनेंस दो वर्षों से नही ंहुआ तो फॉल्ट आना भी स्वभाविक है। बारिश के दिनो में चालू लाईन में काम करना खुले रूप से हादसों को आमंत्रित करना है पर हम लोग काम कर रहे है।
पल-पल का दे रहे हैं अपडेट
विविकं सहायक यंत्री द्वारा सोशल मीडिया पर विभिन्न गु्र्रप बना रखे हैं जिसके माध्यम से जनप्रतिनिधियों तथा शहरवासियों को तत्काल सूचना दी जाती है। बिजली व्यवस्था क्यों बाधित हुई है, कारण क्या रहे हैं, दूरस्त करने में कितना समय लगा है ऐसी जानकारी सहायक यंत्री व विविकं कर्मचारी सोश्यल मीडिया के गु्रप में शेयर करते है।
कर्मचारी निरंतर कार्य कर रहे हैं। कहीं-कहीं छोटे-मोटे फॉल्ट आते रहते हैं। व्यवस्थित रूप से यदि मानसून पूर्व मेंटेनेंस कार्य हो जाता तो यह स्थिति नहीं बनती हम लोग चालू लाइन मे ही कार्य करवा रहे हैं। कोशिश की जाती है कि फीडर से बिजली व्यवस्था बंद न की जाए लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर होने की दशा में बिजली फीडर से बंद की जाती है। इसी तरह शहर के सभी जंक्शन बॉक्स बदलने का कार्य भी धीरे-धीरे किया जा रहा है करीब १५ जंक्शन बॉक्स तो हम लोग बदल चुके है।
पीयूष जैन, सहायक यंत्री विविकं

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो