स्टैंड पर एक पुलिसकर्मी की तैनाती भी रहती है लेकिन जब वह चौकी पर नहीं रहता है। व्यवस्था और अधिक लचर हो जाती है। बसों के बीच चलने वाली प्रतिस्पर्धा का खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ता है। यात्रियों के साथ बदसलूकी होना इस बस स्टैंड पर रोजमर्रा की बात हो गई है। यात्री बसों के चालक परिचालक जहां यात्रियों को लेकर अपनी मनमानी करना बंद नहीं कर रहे है। कई बसे बस स्टैंड से अपने नियत समय पर बाहर निकलने की बजाय बस स्टैंड के अंदर ही रेंगती हुई दिखाई दी। वहीं चार पहिया वाहनों की बेतरतीब पार्किंग भी व्यवस्था बिगड़ती हुई दिखाई दी। इसके कारण शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बस स्टैंड से ही शुरूहो जाती है प्रतिस्पर्धा
सैकड़ों बसे बस स्टैंड से विभिन्न गंतव्यों की ओर जाती है। बस चालक बस स्टैंड से ही बसों की आपसी प्रतिस्पर्र्धा आरंभ कर देते हैं। इनकी यह स्पर्धा पूरे शहरी मार्ग से चलती हुई ४-५ किमी तक जारी रहती है। इनकी इस प्रतिस्पर्धा को शहर के चौराहे पर स्थित सभी पुलिसकर्मी व अन्य जिम्मेदार भी देखते हैं, लेकिन कोई भी इस समस्या को समझने की कोशिश करता और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई करने की कोशिश होती है। इनके इस कृत्य से एक ओर जहां बसों में बैठे यात्रियों को जान को खतरा बना रहता है वहीं दूसरी ओर सड़क पर चलने वाले दूसरे वाहन चालक भी इनकी प्रतिस्पर्धा से भयभीत रहते हैं।
कारों की अवैध पार्किंग पर नहीं देता कोई ध्यान
बस स्टैंड पर वैसे तो काफी जगह है लेकिन यहां पर पुलिस चौकी के बिल्कुल पीछे निजी चार पहिया वाहनो की अवैध पार्किंग बनी हुई है। इन वाहनों के लिए बस स्टैंड के पीछे ईदगाह मैदान पर जगह निर्धारित है लेकिन ये वाहन चालक वहां पर अपने वाहन पार्किंग तक नहीं करते। बस स्टैंड पर पदस्थ पुलिसकर्मी भी इन वाहन चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं करते हंै।
बस स्टैंड पर एक पुलिस जवान की तैनाती रहती है। वह निरंतर व्यवस्था सुधारने का कार्य करता है। पार्किंग व्यवस्था के लिए निर्धारित स्थल यदि नियमों की अनदेखी होती है तो कार्रवाई की जाएगी।
अजीत तिवारी, कोतवाली थाना प्रभारी