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विधानसभा चुनाव 2018 : इस सीट पर दूसरों से ज्यादा अपनों से है खतरा

locationअगार मालवाPublished: Nov 22, 2018 01:10:38 am

Submitted by:

Lalit Saxena

विधानसभा चुनाव में आगर विधानसभा सीट से भाग्य आजमा रहे भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी इस बार विकट स्थितियों से गुजरते दिख रहे हैं।

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विधानसभा चुनाव में आगर विधानसभा सीट से भाग्य आजमा रहे भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी इस बार विकट स्थितियों से गुजरते दिख रहे हैं।

आगर-मालवा. विधानसभा चुनाव में आगर विधानसभा सीट से भाग्य आजमा रहे भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी इस बार विकट स्थितियों से गुजरते दिख रहे हैं। इस बार भितरघात का खतरा कांग्रेस से ज्यादा भाजपा को सता रहा है। कांग्रेस भी हर कदम संभाल कर रख रही है। भाजपा प्रत्याशी मनोहर ऊंटवाल पर संगठन ने दूसरी बार विश्वास किया है। वे संगठन के सहारे इस बार भी मैदान मारने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी विपिन वानखेड़े 5 वर्षों से सतत अपनी युवाओं की टीम के साथ गांव-गांव का दौरा कर चुके हैं। वानखेड़े युवाओं की टीम और क्षत्रपों के सहारे विधानसभा की वैतरणी पार करने में लगे हैं। हालांकि कौन किस पर भारी पड़ेगा यह निर्णय तो मतदाता 28 नवंबर को करेंगे लेकिन गड़बड़ाए समीकरणों के बीच उम्मीदवार रास्ते के रोड़े हटाते हुए उसे आसान बनाने में जुटे हुए हैं।
विधानसभा क्षेत्र में शुरुआती दौर में मुकाबला त्रिकोणीय संघर्ष का दिखाई दे रहा था लेकिन सपाक्स समर्थित उम्मीदवार की अचानक कम हुई सक्रियता के कारण अब यह मुकाबला भाजपा व कांग्रेस में सिमटता नजर आ रहा है। पुराने चुनावों के आंकड़े देखे जाएं तो निर्दलीय एवं अन्य राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की भूमिका भी अहम रहती है ये भी मत विभाजन काफी हद तक कर सकते हैं। इस बार भी बसपा से गोविंद सूर्यवंशी, आप से बाबूलाल मालवीय, प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी से राजेश गोयल, बहुजन संघर्ष दल से सुनिल अस्तेय, अमित फतरोड़, मधु गेहलोत निर्दलीय के रूप में मैदान में हैं।
इस बार बढ़े 18550 मतदाता : 2013 विधानसभा चुनाव में 1 लाख 88 हजार 941 मतदाता थे जो 2018 के चुनाव में बढ़कर 2 लाख 7 हजार 491 हो चुके है। इस बार 18550 १८५५० मतदाता बढ़े हुए है।
2008 के परिणामों पर एक नजर
2008 के विधानसभा चुनाव में 7 प्रत्याशी मैदान में डटे हुए थे और दो उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में मैदान में थे। 7 लाख 53 हजार 724 मतदाताओं में से 1 लाख 15781 मतदाताओं ने मतदान किया था। भाजपा के लालजीराम मालवीय को 60065 मत मिले थे। कांग्रेस के रमेश सूर्यवंशी को 43331 मत प्राप्त हुए थे। 12385 वोट निर्दलीय एवं सपा, बसपा, भाजश के पांच उम्मीदवारों ने समेट लिए थे। सीधा प्रभाव कांग्रेस पर हुआ और कांग्रेस उम्मीदवार 16734 मतों से पराजित हो गए थे।
2013 के परिणाम पर एक नजर
7 प्रत्याशी और 2 निर्दलीय मैदान में थे। कुल 1 लाख 88 हजार 949 मतदाताओं में से 1 लाख 49155 ने वोट डाले थे। 83726 मत भाजपा के मनोहर ऊंटवाल को, 54869 मत कांग्रेस के मधु गेहलोत को, बहुजन संघर्ष दल के बाबूलाल मालवीय को 5036, एनसीपी के कैलाशचंद मालवीय को 1683, बहुजन समाज पार्टी के गंगाराम जोगचंद को 1583, निर्दलीय डॉ. बाबूलाल मालवीय को 1153 तथा निर्दलीय रामलाल मालवीय को 1074, नोटा को 2141 मत मिले थे। कांग्रेस उम्मीदवार 28865 मतों से हार गए थे।

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