अगार मालवा

ऐसा क्या हुआ कि पल भर में उजड़ गया आशियाना

आग लगने से घरेलू सामान जलकर खाक

अगार मालवाNov 18, 2018 / 01:09 am

Lalit Saxena

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आगर-मालवा. शनिवार को छावनी क्षेत्र स्थित राजीव गांधी कालोनी में एक आवास में अज्ञात कारणों के चलते आग लग गई। गनीमत रही कि आग पर समय रहते काबू पा लिया गया। इस आगजनी की घटना में घरेलू सामान जलकर खाक हो गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विकास पिता कालूराम का परिवार घर मे ही था और शनिवार सुबह करीब 10 बजे अज्ञात कारणो के चलते घर में आग लग गई। कच्चा मकान होने से आग की लपटो ने थोड़ी ही देर में पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। आस पड़ोसियों ने सजगता का परिचय देते हुए आग को बुझाने के प्रयास किए लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो नपा के दमकल को सूचना दी गई। सकरी गली में घर होने के कारण दमकल कर्मियों को काफी मशक्कत करना पड़ी तब जाकर आग पर काबू पाया जा सका।
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गवली समाजजन लाठियों से करेंगे कंस का वध
शाजापुर. शहर में प्रतिवर्ष होने वाले अनूठे आयोजन कंस वधोत्सव को इस बार भी रविवार को पारंपरिक व अनूठे तरीके से मनाया जाएगा। इस आयोजन पर इस बार आचार संहिता का असर रहेगा और रात 10 बजे तक ही शहरवासी वाक्युद्ध का आनंद ले पाएंगे। हालांकि समिति पदाधिकारियों के मुताबिक शहरवासियों के मनोरंजन में कोई कमी नहीं आएगी और उन्हें हर बार की तरह इस बार भी इस ऐतिहासिक आयोजन का आनंद मिलेगा।
कंस वधोत्सव समिति के संयोजक तुलसीराम भावसार ने बताया कि शहर में पिछले 270 वर्षों से आयोजित किए जा रहे इस अनूठे कार्यक्रम में समय के साथ-साथ परिवर्तन भी किए गए हैं। पुराने समय में जहां बैलगाडिय़ों पर देव और दानवों की सेना आमने-सामने होकर नगर भ्रमण करती थीं। वहीं आधुनिकता के दौर में बैलगाडिय़ों की जगह ट्रैक्टर-ट्रॉली ने ले ली थी, लेकिन वतर्मान समय में वृहद रूप ले चुके उक्त कार्यक्रम को इस वर्ष और अधिक रोचक बनाने के लिए इस वर्ष देव और दानवों का पात्र निभाने वाले कलाकारों के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। अपने-अपने वाहनों पर सवार होकर देवता और दानव नगर भ्रमण करेंगे। इसके बाद वाहनों पर ही सवार होकर पहले आजाद चौक और फिर सोमवारिया बाजार में आपस में वाक्युद्ध करेंगे।
चल समारोह की शुरुआत बालवीर हनुमान मदिर से होगी जो कंस चौराहा, मगरिया चौराहा, काछीवाड़ा, बस स्टैंड, नई सड़क होता हुआ आजाद चौक पहुंचेगा, जहां देवता और दानवों के बीच वाक्युद्ध होगा। कार्यक्रम के बाद चल समारोह फिर शुरु होगा जो कंस चौराहे पर पहुंचेगा। यहां पर कंस दरबार में मंच पर विराजित कंस के पुतले का रात 12 बजे वध किया जाएगा। इसके पूर्व कार्यक्रम में अतिथियों का समिति की ओर से सम्मान किया जाएगा। इसके बाद समिति की ओर से कंस वध के लिए आए गवली समाज के लोगों को भी सम्मानित किया जाएगा। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण का पात्र निभा रहे कलाकार कंस का वध करेंगे और गवली समाज के लोग कंस के पुतले को घसीटते हुए अपने साथ ले जाएंगे।

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