scriptअब बिजली गुल तो केंद्र सरकार को मिलेगी सूचना | Central government will get information if electricity fails | Patrika News

अब बिजली गुल तो केंद्र सरकार को मिलेगी सूचना

locationअगार मालवाPublished: Aug 18, 2019 12:41:41 am

Submitted by:

Mukesh Malavat

विद्युत वितरण कंपनी में नई व्यवस्था

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उज्जैन. गांवों में बिजली व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए विद्युत वितरण कंपनी में नई व्यवस्था की है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली गुल हुई तो भी सीधे केंद्र सरकार तक इसकी सूचना भेजी जा रहीं है। इसमें प्रतिदिन होने वाली बिजली की खपत का आंकड़ा देने का प्रावधान किया गया है।
मप्र विद्युत वितरण कंपनी ने गांवों में प्रतिदिन के बिजली वितरण की ताजा जानकारी और आंकड़े रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉर्पोरेशन (ईआरसी) पर अपलोड कर दिल्ली भेजी जा रहीं है। इससे यह भी पता चलेगा कि गांवों में बिजली खपत का स्तर क्या है तथा निर्बाध आपूर्ति हो रही या नहीं। मालवा और निमाड़ में कुल 12 हजार गांव हैं। यह सभी 6 हजार ग्राम पंचायतों के अधीन जनसंख्या ग्राम कहलाते हैं। केंद्र सरकार के रूरल फीडर मॉनिटरिंग सिस्टम से ग्रामीण फीडरों से प्रदाय की जाने वाली बिजली की जानकारी ली जा रहीं है। बिजली कंपनी के अधिकारी इस जानकारी को नियमित रूप से रूरल ईआरसी पर अपलोड कर रहें है। इस संबंध में मप्र पक्षेविविकं इंदौर के अधीन उज्जैन, इंदौर, रतलाम, मंदसौर, नीमच, धार, झाबुआ, आलीराजपुर, खंडवा, खरगोन, देवास, शाजापुर, आगर, बड़वानी, बुरहानपुर के अधीक्षण यंत्रियों को द्वारा विद्युत कंपनी की ओर फीडर पर मोडम के इंतजाम किए गए हैं।
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14 वर्षों में तीसरी बार आधे अगस्त में वर्षा का औसत पार
आने वाले दिनों में और बरसात के आसार
उज्जैन. संभावना तो यही व्यक्त की गई थी कि इस वर्ष मानसून सामान्य रहेंगा। ऐसा हुआ नहीं मानसून के लिए अनुकूल सिस्टम के लगातर सक्रिय रहने के साथ बरसात का दौर जारी रहा। ऐसे में 14 वर्षों में तीसरी बार आधे अगस्त में ही जिले की औसत बरसात का आंकड़ा पूरा कर दिया है। वर्षाकाल का अभी एक माह शेष है । इस दौरान बरसात की अच्छी बरसात की संभावना बनी हुई है।
मानसून प्रदेश में दो तरफ से प्रवेश करता है। अरब सागर से आने वाला मानसून मुंबई से होकर आता है। यह प्रदेश में सबसे पहले मालवा-निमाड़ में असर दिखाता है। वहीं बंगाल की खाड़ी का मानसून छत्तीसगढ़ से होता हुआ मप्र में प्रवेश करता है। यह बालाघाट व जबलपुर के रास्ते मप्र में आता है। इसे मालवा तक आने में देर लगाता है। इसका प्रभाव पूर्वी मप्र में ज्यादा होता है। इस वर्ष जुलाई में तो मानसून के सिस्टम अधिक सक्रिय नहीं होने से बरसात के मान से जुलाई हल्का और कमजोर रहा, लेकिन अगस्त में मानसून के दोनों सिस्टम के सक्रिय होने का असर प्रदेश के साथ उज्जैन जिले में भी हुआ। इसके प्रभाव से कुछ-कुछ अंतराल से वर्षा का दौर बने रहने के कारण क्षेत्र में अच्छी वर्षा हो चुकी है। यही वजह है कि अभी आधा अगस्त ही बीता है और जिले की कुल औसत वर्षा का आंकड़ा पर हो गया है। जिले में अभी तक 947.9 मिमी वर्षा हो गई है,जो जिले की औसत वर्षा 906.2 मिमी से 41.7 मिमी अधिक है।
बीते 14 सालो में 17 अगस्त तक की वर्षा
वर्ष वर्षा
2019 947.9 मिमी
2018 487.8 मिमी
2017 396 मिमी
2016 564 मिमी
2015 1334 मिमी
2014 297 मिमी
2013 747 मिमी
2012 640 मिमी
2011 797 मिमी
2010 478 मिमी
2009 589 मिमी
2008 395 मिमी
2007 701 मिमी
2006 1007 मिमी
20 से बारिश की संभावना
मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल की स्थिति मेंधीरे-धीरे बादल छंट जाएंगे, हल्की धूप निकल सकती हैं। कुछ इलाकों में बूंदाबांदी या हल्की बारिश भी हो सकती हैं। वहीं 20 अगस्त से बारिश की गतिविधि में थोड़ा इजाफा होने का अनुमान हैं। आने वाले दिनों में अच्छी वर्षा की संभावना बनी हुई है।

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