अगार मालवाPublished: Jul 20, 2018 12:49:34 am
Lalit Saxena
शैक्षणिक व्यवस्था सुधारने के लिए शासन द्वारा भारी भरकम बजट रखा जाता है
अव्यवस्था…एक ही कक्ष में लगती है सभी कक्षाएं
दुर्गेश शर्मा
आगर-मालवा. शैक्षणिक व्यवस्था सुधारने के लिए शासन द्वारा भारी भरकम बजट रखा जाता है और आए दिन तरह-तरह के नियम कायदे बनाए जाते हैं, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही नजर आती है। शासकीय स्कूलों में कहीं-कहीं शिक्षकों की भरमार है तो कहीं शिक्षकों की कमी नजर आ रही है। कहीं स्कूलों में बच्चों के अभाव में कक्ष खाली पड़े रहते हैं तो कहीं एक ही कक्ष में तमाम कक्षाएं संचालित होती हैं। कुछ इसी प्रकार की स्थिति ग्राम मदनखेड़ा में दिखाई दे रही हैं। यहां वर्षों से प्राइमेरी एवं मिडिल स्कूल एक ही कक्ष में संचालित होता है। पहली से आठवीं तक के ९९ बच्चों को शिक्षक कक्षावार कैसे पढ़ाते होंगे। यह कहानी समझ से परे हैं। इस संबंध में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी केके अग्रवाल से संपर्क किया गया तो वे जवाब तक नहीं दे पाए और व्यस्तता का हवाला देते हुए अनभिज्ञता जाहिर कर अपना पल्ला झाड़ लिया।
जिला मुख्यालय से करीब १९ किमी दूर ग्राम मदनखेड़ा के शासकीय स्कूल की स्थिति चिंताजनक दिखाई दे रही है १९७१ में निर्मित हुआ स्कूल भवन जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है, लेकिन जवाबदारों द्वारा नए भवन निर्माण को लेकर कोई कदम नहीं उठाया। बारिश के दिनों में अधिकांश समय मजबूरन बच्चे स्कूल आने से कतराते हैं। स्कूल भवन में ४० बाय १० का एक बरामदा है। जिसमें छठीं से ८वीं तक के ६३ विद्यार्थी पढ़ते हैं। १४ बाय १२ के एक कक्ष में कक्षा पहली से लेकर पांचवी तक ३६ बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
एक कक्ष में आंगनवाड़ी का कब्जा है तो बचे हुए ८ बाय १० के कक्ष में विद्यालय का कार्यालय संचालित होता है। गुरूवार को जब पत्रिका टीम स्कूल पहुंची तो हकीकत से सामना हुआ। बरामदे में एवं स्कूल के अंदर खचाखच बच्चे भरे हुए थे और शिक्षक उनके दायित्व निर्वहन कर रहे थे जब शिक्षकों से इस संबंध में जानकारी ली गई तो वे भी बेबस दिखाई दिएर्।
थोड़ा-थोड़ा समय सभी कक्षाओं को
एक ही कक्ष में पहली से पांचवी तक के बच्चों को पढ़ाए जाने के संबंध में शिक्षकों से पूछा गया कि आप लोग एक साथ एक समय पर सभी कक्षाओं का सामंजस्य कैसे स्थापित करते है तो शिक्षकों ने कहा कि हम लोग कक्षा पहली के बच्चों को जब पढ़ाते हैं तब बाकी कक्षाओं के बच्चें अपना होमवर्क करते है। थोड़ा-थोड़ा समय सभी कक्षाओं को दिया जाता है। प्राथमिक विद्यालय में दो शिक्षक है, जो कि नियमित रूप से बच्चों को पढ़ा रहे हैं। जब इस संबंध में वहां मौजूद ग्रामीणों से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया इस समस्या से कई बार जनप्रतिनिधियों से जवाबदार अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन हमारी इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
शाला और शिक्षक विहीन मिडिल स्कूल
शासन द्वारा ग्राम मदनखेड़ा में मिडिल स्कूल तो खोल दिया गया, लेकिन न तो यहां मिडिल स्कूल के लिए शिक्षक की पदस्थापना की गई और न ही अलग से कोई भवन की व्यवस्था की गई। मिडिल स्कूल में अध्यनरत ६३ विद्यार्थी प्रायमेरी स्कूल के शिक्षकों के भरोसे ही पढ़ाई कर रहे हैं। भवन न होने के कारण वर्षों पुराने प्राइमेरी स्कूल के बरामदे में मिडिल स्कूल संचालित हो रहा है। ऐसी दशा में बच्चों केे भविष्य पर खतरा मंडराता हुआ दिखाई दे रहा है।
&प्राइमेरी एवं माध्यमिक विद्यालय एक ही भवन में संचालित हो रहा है। जिसके कारण व्यवहारिक कठिनाइयां निर्मित होती हैं। हमारे द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है ।
विक्रमसिंह राठौड़, शाला प्रभारी, प्रावि मावि मदनखेड़ा
&अभी मैं बहुत व्यस्त हूं। आप जो मुझे बता रहे है इससे भी ज्यादा जानकारी मेरे पास है। आज में वर्जन नहीं दे पाऊंगा। मैं आज और कल व्यस्त हूं आपको जो बात करना है आप मुझसे परसों बात करें। मुझे अभी बैंक के काम है। बसों का टैक्स भरना है। ये काम पहले करूं कि पहले आपको स्टेटमेंट दूं। आज और कल रहने दें परसो मैं मेरी स्थिति भी ठिक कर लंूग।
केके अग्रवाल, प्रभारी डीइओ आगर
&आपसे मुझे जानकारी मिल रही है। ग्राम मदनखेड़ा के स्कूल के संबंध में जानकारी लेकर समस्या का उचित निराकरण किया जाएगा।
अजय गुप्ता, कलेक्टर आगर