अगार मालवाPublished: Mar 28, 2019 12:52:45 am
Ashish Sikarwar
समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी को पारदर्शी बनाने के लिए शासन ने व्यवस्था ऑनलाइन कर दी है। किसानों के पंजीयन से लेकर उनको होने वाले भुगतान तक की प्रक्रिया ऑनलाइन है।
समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी को पारदर्शी बनाने के लिए शासन ने व्यवस्था ऑनलाइन कर दी है। किसानों के पंजीयन से लेकर उनको होने वाले भुगतान तक की प्रक्रिया ऑनलाइन है।
सुसनेर. समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी को पारदर्शी बनाने के लिए शासन ने व्यवस्था ऑनलाइन कर दी है। किसानों के पंजीयन से लेकर उनको होने वाले भुगतान तक की प्रक्रिया ऑनलाइन है। अभी तक समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र संचालक एवं सर्वेयर को विश्वास में लेकर जो किसान समर्थन मूल्य पर घटिया क्वालिटी का गेहूं बेच देते थे अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। कारण समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना व मसूर खरीदने की बोरियों पर लगने वाले समिति के टैग पर किसान का नाम या फिर उसका टैग नंबर अंकित करना अनिवार्य है। पूर्व में भी यह व्यवस्था थी किंतु अब इसका पालन सख्ती से किए जाने के आदेश हैं। गोदाम में गेहूं जमा करते समय घट्टिया गेहूं निकलने पर यह कहकर मुकर नही पाएगा कि यह उसका गेहूं नहीं है। कारण किसानों के सामने ही बोरियों पर उसका कोड नंबर लिखकर टैग लगाया जायेगा।
समर्थन मूल्य पर खरीदी के दौरान कई बार सामने आता है कि सर्वेयर और केंद्र अपने पहचान वाले से घटिया क्वालिटी का गेहूं खरीदी कर लेते हैं। खरीदी के बाद जमा होने के लिए ट्रक से माल गोदाम में पहुंचता है तो नागरिक आपूर्ति निगम के कर्मचारी सेंपलिंग के दौरान गेहूं रिजेक्ट कर देते हैं। उस समय खरीदी करने वाली संस्था यह नहीं बता पाती थी कि यह गेहूं किस किसान का है। इससे किसानों को तो फायदा हो जाता है, किंतु सरकार को नुकसान उठाना पड़ता है। विवाद बढऩे पर समिति संचालक गेहूं साफ कराने का दिखवाकर गोदाम में जमा करवा देते थे और प्रशासन संबंधित किसान तक नहीं पहुंच पाता था। अब इसका पता लगाना आसान हो जाएगा। ऐसे किसान पर कार्रवाई करने में आसानी होगी। किसानों के अनुसार समर्थन मूल्य पर होने वाले गेहूं की खरीदी में किसानों के लिए इतने नियम बनाये जा रहे हैं किंतु वे व्यक्ति को रसूखदार बनकर किसानों के नाम पर गेहूं बेच देते हैं।
खरीदी केंद्र प्रभारी ही सर्वेयर रहेंगे
समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी में गेहूं की क्वालिटी देखने के लिए खरीदी केंद्र प्रभारी को सर्वेयर बनाया है। किसानों द्वारा लाए जा रहे गेहूं की जांच इन्हीं के द्वारा की जाएगी। अगर किसान खराब क्वालिटी का गेहूं लेकर आता है वह इसको रिजेक्ट कर देगा। साथ ही इसका एक नमूना अपने पास रखेगा। किसान गेहूं की क्वालिटी को लेकर ब्लॉक या जिलास्तर पर बनी कमेटी को शिकायत कर सकता है। इसके बाद कमेटी उपज की जांच कर सकती है।
टैग नंबर से ही होंगे सारे काम
इस बार समर्थन मूल्य पर होने वाले खरीदी में किसानो के पंजीयन की प्रक्रिया के साथ ही एक टैग नंबर दिया गया है। इसके माध्यम से ही किसान की पहचान खरीदी केंद्र पर रहेगी। एसएमएस के माध्यम से भी टैग नंबर भेजा जाएगा। साथ ही तुलाई एवं गोदाम में माल जमा होने की प्रक्रिया में टैग नंबर रहेगा। जिस खरीदी केंद्र पर जिस दिन किसानों की उपज की खरीदी होगी उसकी सारी जानकारी ऑनलाइन भोपाल पहुंचा दी जाएगी। साथ ही किसानों को उसी हिसाब से उपज का दाम उनके खाते में डाला जाएगा।
समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी की प्रक्रिया इस बार कम्प्यूटराइज रहेगी। खरीदी में पारदर्शिता बरती जाएगी। केंद्र पर किसानों की उपज की बोरी पर संस्था का नाम एवं किसान के नंबर का टैग लगाया जाएगा। इससे उपज किस किसान की है इसका आसानी से पता लगाया जा सकेगा।
टीकाराम अहिरवार, सहायक आपूति अधिकारी, आगर