यह निर्देश कलेक्टर अजय गुप्ता ने गुरुवार को कलेक्टोरेट में हुई बैंकर्स की बैठक में दिए। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष के लगभग 9 माह गुजरने पर लक्ष्यानुरूप प्रगति नहीं होने पर नाराजगी जताई। संबंधितों को निर्देश दिए कि स्व-रोजगार शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करना सुनिश्चित करें। बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासन की योजनाओं के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों के बैंकों को लक्ष्यानुरूप प्रेषित प्रकरण शत-प्रतिशत स्वीकृत एवं बांटे जाएं। हितग्राही को स्व-रोजगार स्थापित करने के लिए, उसके प्रोजेक्ट अनुसार जितनी राशि चाही गई है, उतना ऋण स्वीकृत किया जाए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ राजेश शुक्ल, उपसंचालक कृषि आरपी कनेरिया, समस्त बैंक मैनेजर उपस्थित थे।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया
आगर-मालवा. गुरुवार को सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर कलेक्टर अजय गुप्ता को एडीएम एनएस राजावत ने बैज लगाया साथ ही अधिकारियों एवं कलेक्टोरेट में पदस्थ कर्मचारियों को भी बैज लगाए गए। इस दिवस पर ध्वज वितरित कर एकत्र की गई राशि को शहीद सैनिकों के आश्रितों, विकलांग सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के लिए पुनर्वास तथा कई कल्याणकारी कार्यक्रम में लगाया जाता है।
जिला अस्पताल में लगी रोगियों की कतार
आगर-मालवा. पिछले ४ दिनों के अंतराल में मौसम में आए परिवर्तन का असर जनजीवन पर देखने को मिल रहा है। लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर होता नजर आ रहा है। जिला अस्पताल में पिछले ४ दिनों के दौरान ओपीडी में करीब १८०० से अधिक मरीजों ने पंजीयन कराया। हालांकी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि यह सीजन हेल्दी सीजन के रूप में माना जाता है। जो मरीज आ रहे हैं वो सर्दी-जुखाम या अन्य छोटे-मोटे वायरल से पीडि़त आ रहे हैं।
सर्दी-जुखाम व वायरल से पीडि़त मरीजों की संख्या एकाएक पिछले ४ दिनों में खासी बढ़ती हुई दिखाई दी। साधारण दिनों में जिला अस्पताल में ३०० से ३५० लोगो के पंजीयन ओपीडी में होते हैं लेकिन पिछले ४ दिनों में प्रतिदिन यह आंकड़ा ४५० से अधिक तक जा पहुंचा। जो मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं उनमें से अधिकांश या तो वायरल से पीडि़त हैं या फिर सर्दी-जुखाम से पीडि़त हैं । गुरुवार सुबह एवं शाम को ओपीडी में खासी भीड़ देखी गई।
” सामान्य बुखार एवं सर्दी-खांसी से पीडि़त मरीजों की संख्या में जरूर इजाफा हुआ है लेकिन यह सीजन स्वास्थ्य के लिए उचित सीजन होता है। चिंता की कोई बात नहीं है।
डॉ. डीएस परमार, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल आगर