मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि नौजवान और किसान राज्य सरकार की प्राथमिकता हैं। उन्होंने कहा कि आज का युवा काम चाहता है। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये हम प्रदेश में निवेश लाने में काफी हद तक सफल रहे हैं। उन्होने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने की दिशा में भी राज्य सरकार ने कारगर पहल की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में जल्द ही क्रांति लाएंगे। कमल नाथ ने कहा कि आगर-मालवा जिले में विकास का नया इतिहास लिखा जायेगा।
कमल नाथ ने विधायक राणा विक्रम सिंह की मांग पर घोषणा की कि आगर-मालवा जिले में शीघ्र ही फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की जायेगी। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति लोगों को जोड़कर एक-साथ रखने की है। अनेकता में एकता हमारे देश की पहचान है। उन्होंने कहा कि भारत के अलावा दुनिया में कोई भी ऐसा देश नहीं है, जहां विभिन्न धर्म, भाषा और त्यौहार हों। कमल नाथ ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति और इतिहास को सुरक्षित रखना है।
मुख्यमंत्री ने आगर-मालवा जिले के ग्रामीण इलाकों में हर घर-नल जल योजना से पेय जल पहुंचाने के लिये 604 करोड़ की योजना का भूमि-पूजन किया। मुख्यमंत्री ने आगर-मालवा जिले में कुल 865 करोड़ रूपये लागत के विकास एवं निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण किया। इसमें 686 करोड़ लागत के कार्यो का भूमि-पूजन और 180 करोड़ की लागत के कार्यों का लोकार्पण शामिल है। इसमें जिले के ग्रामीण अंचलों में हर घर-नल से जल पहुंचाने के लिये 604 करोड़ की योजना भी शामिल है। आगर-मालवा जिला प्रदेश का पहला जिला है, जहां इतने बड़े पैमाने पर नल-जल योजना के लिये धनराशि स्वीकृति की गई है।
जिले के प्रभारी मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने कहा कि प्रदेश में पिछले 14 महीनों में जनकल्याण के जितने काम हुए हैं, उतने पिछले 15 वर्षों में नहीं हुए। उन्होंने बताया कि आगर-मालवा जिले के अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को नुकसान की भरपाई के लिये 150 करोड़ रूपये मुआवजा राशि का वितरण किया जा चुका है। सिंह ने कहा कि जिले में 30 आधुनिक गौ-शालाएं स्थापित की गई हैं। आने वाले दिनों में 50 और नई गौ-शालाएँ स्थापित की जाएंगी। वहीं, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि कुण्डलिया डेम से पानी लाकर उसे शुद्ध किया जायेगा और आगर-मालवा जिले के 480 गांव के प्रत्येक घर में नल के माध्यम से प्रदाय किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस काम का टेंडर हो चुका है और अगले तीन वर्षों में यह योजना मूर्त रूप ले लेगी।