scriptकम्प्यूटर के जमाने में आज भी डाकघर में लग रहा ठप्पाÓ | In the days of computer the post office still seems to be in the post | Patrika News

कम्प्यूटर के जमाने में आज भी डाकघर में लग रहा ठप्पाÓ

locationअगार मालवाPublished: Feb 16, 2018 12:22:26 am

Submitted by:

Lalit Saxena

कई तरह की आधुनिक सेवा शुरू होने के बाद भी जारी है प्रथा

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कई तरह की आधुनिक सेवा शुरू होने के बाद भी जारी है प्रथा

सुसनेर. आज डाकघर आधुनिक सुविधाओं से लैस हो चुका है, बावजूद डाक से भेजे जाने वाले पत्र, लिफाफे व अंतरदेशीय पत्रों के साथ ही पासबुक पर सदियों पुरानी मुहर का ठप्पा लगाया जा रहा है। यह ठप्पा 166 वर्ष पूर्व से लगाया जा रहा है।
166 वर्ष के भारतीय डाक विभाग के इंडिया पोस्ट तक के सफर में विभाग की कार्यशैली हाईटेक की है। आज डाकघर में एक से एक आधुनिक सेवा का लाभ उपभोक्ताओं को मिल रहा है। सामाजिक प्रतिबद्धता, आधुनिक तकनीक का उपयोग व्यावसायिक दृष्टिकोण व दूरगामी लक्ष्य को लेकर कार्य करने वाले डाक विभाग में सबकुछ बदला, लेकिन नहीं बदला तो वह है सदियों पुरानी मुहर लगाने की परंपरा। यह मुहर आज भी डाक विभाग में चि_ी व पत्री पर विश्वसनीयता की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क
भारतीय डाक विभाग का नेटवर्क विश्व का सबसे बड़ा है। 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस मनाया जाता है। डाक विभाग में समय के साथ विभिन्न सेवाओं का समावेश किया। सेवाओं में समय-समय पर अंतरदेशीय, पोस्ट कार्ड, मनीआर्डर, रजिस्ट्रर्ड डाक, पार्सल, स्पीड पोस्ट, ई पोस्ट पोस्टल, लाइफ इंश्योरेंस का समावेश किया है। वर्तमान में डाक विभाग को इंडिया पोस्ट के नाम से भी जाना जाता है।
विशेष स्याही का उपयोग
डाक घर में चि_ी पत्री पर लगाई जाने वाली मुहर की स्याही विशेष होती है। जो चि_ी पर लगने के बाद अमिट बनी रहती है, क्योंकि डाकघर में उपयोग की जाने वाली ट्रेडर प्रिंटिंग मशीनो में लगने वाली स्याही की तरह होती है। जो बाजार में नहीं मिलती। डाकघरों में चि_ियों का उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों में किया जाता है। कोई चि_ी डाकघर में आने के बाद रवाना होने की तारीख की मुहर लगाई जाती है। उस डाकघर में पहुंचने और पहुंचने और डाक बंटने की तारीख मुहर ठोंकी जाती है। इससे पता लग सके कि चि_ी किस तारीख को निकलती है। और कितने दिनों में किस तारीख को पहुंची है।
कम्प्यूटर के साथ भी मुहर
डाक विभाग के सहायक अधीक्षक उज्जैन के एसके जैन व स्थानीय पोस्टमैन इकबाल मोहम्मद कुरैशी ने बताया कि स्पीड पोस्ट बुक कराने के साथ ही कम्प्यूटर की स्लीप लोगों को देते हैं। रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहता है। इसके बाद भी विश्वसनीयता के लिए लिफाफे पर मुहर से ठप्पा भी लगाया जाता है।

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