अगार मालवाPublished: Jul 14, 2018 12:22:10 am
Lalit Saxena
नगर में आज भी ऐसे अनेक जीर्ण-शीर्ण भवन मौजूद हैं जो किसी भयानक दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
नगर में आज भी ऐसे अनेक जीर्ण-शीर्ण भवन मौजूद हैं जो किसी भयानक दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
आगर-मालवा. नगर में आज भी ऐसे अनेक जीर्ण-शीर्ण भवन मौजूद हैं जो किसी भयानक दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। इन जर्जर भवनों को विभागीय स्तर पर खतरनाक घोषित कर दिया गया है लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इन भवनों को जमींजोद करने की जरूरत तक महसूस नहीं की। राजा रजवाड़ों एवं अंग्रेजी हुक्मरानों के द्वारा निर्मित किए गए आगर में ऐसे अनेक भवन है जो कि पूर्णत: क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
कुछ तो शासनाधिन हैं और कुछ निजी संपत्ति के रूप में मौजूद हैं। जीर्ण-शीर्ण हुए कुछ भवनों में तो विद्यालय तक लगाए जा रहे हैं एवं कुछ भवनों में कोई न कोई परिवार निवासरत है तथा बाकी सूने भवन खंडहर के रूप में तब्दील हो चुके हैं। खतरनाक स्थिति में पहुंच चुके ये भवन किसी दिन भी कोई बड़ी जनहानि का कारण बन सकते है।
सहकारी प्रशिक्षण केंद्र पूर्ण रूप से जर्जर
अंग्रेजों के जमाने में ब्रिटिश छावनी के बेरक्स वर्तमान सहकारी प्रशिक्षणालय भी अपने हालातो पर आंसू बहा रहा है। लगभग पांच एकड़ भूमि में फैला यह प्रशिक्षण केन्द्र मप्र राज्य सहकारी संघ एवं सहकारिता विभाग मप्र शासन के सयुंक्त तत्वावधान से संचालित होता था जिसमें संपूर्ण मप्र के सहकारी विभाग एवं सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का कार्य यहां किया जाता था।
विद्यालय तक लग रहे हैं जर्जर भवनों में
अंग्रेजी हुकूमत के समय निर्मित दरबार कोठी के नाम से मशहूर भवन में शासकीय उमावि संचालित किया जा रहा है लेकिन यहां समय-समय पर की जानेे वाली देखरेख के कारण इस भवन की स्थिति आशाजनक जरूर है। फिर भी हालात जर्जर ही है। ठीक इसी प्रकार और भी अन्य स्थानों पर ऐसे भवन मौजूद है जहां विद्यालय संचालित किए जा रहे है।
खंडहरों में पल रहे हैं विषैले जानवर
नगर मध्य स्थित जीर्ण-शीर्ण भवनों में देखरेख के अभाव में अनेक प्रकार के जीव-जंतुओं के लिए ये भवन निवास स्थान बन चुके है जिसके कारण समीपी रहवासियों को हमेशा विषेले जानवरों का भय बना रहता है।
नजी जर्जर भवनों के संबंध में संबंधितो को सूचना पत्र जारी कर दिए गए हैं। यदि किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाती है तो आगामी दिनों में नगर पालिका द्वारा कार्रवाई की जाएगी। शासकीय जर्जर भवनों के संबंध में भी कार्रवाई की जाएगी।
महेंद्र वशिष्ट, सीएमओ आगर